पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 28 Dec 2021 07:21 AM IST
सार
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस कदम से कुएं (तेल उत्पादन) से लेकर पहियों तक वाहनों से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी और देश को 2030 तक अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में से एक अरब टन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) में जताई गई प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने वाहन कंपनियों को भारत चरण-छह (बीएस-छह) उत्सर्जन मानकों वाले दोहरे ईंधन (फ्लेक्स फ्यूल) से चलने वाली गाड़ियों तथा ‘फ्लेक्स’ ईंधन से युक्त मजबूत हाइब्रिड वाहनों का विनिर्माण छह महीने के भीतर शुरू करने की सलाह दी है। इस पहल का मकसद वाहनों के मामले में देश के पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता में कमी लाना है।
गडकरी ने कहा कि इस कदम से कुएं (तेल उत्पादन) से लेकर पहियों तक वाहनों से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी और देश को 2030 तक अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में से एक अरब टन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) में जताई गई प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, भारत के ईंधन के रूप में पेट्रोलियम के आयात को कम करने के लिए हमने वाहन कंपनियों को बीएस-छह उत्सर्जन मानकों वाले दो प्रकार के ईंधन से चलने वाले वाहनों तथा फ्लेक्स ईंधन से युक्त मजबूत हाइब्रिड गाड़ियों का विनिर्माण छह महीने के भीतर शुरू करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बॉयो एथनॉल तथा उसके मिश्रण के साथ-साथ फ्लेक्स ईंधन वाली मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी पर चलने में सक्षम हैं।
विस्तार
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने वाहन कंपनियों को भारत चरण-छह (बीएस-छह) उत्सर्जन मानकों वाले दोहरे ईंधन (फ्लेक्स फ्यूल) से चलने वाली गाड़ियों तथा ‘फ्लेक्स’ ईंधन से युक्त मजबूत हाइब्रिड वाहनों का विनिर्माण छह महीने के भीतर शुरू करने की सलाह दी है। इस पहल का मकसद वाहनों के मामले में देश के पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता में कमी लाना है।
गडकरी ने कहा कि इस कदम से कुएं (तेल उत्पादन) से लेकर पहियों तक वाहनों से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी और देश को 2030 तक अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में से एक अरब टन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) में जताई गई प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, भारत के ईंधन के रूप में पेट्रोलियम के आयात को कम करने के लिए हमने वाहन कंपनियों को बीएस-छह उत्सर्जन मानकों वाले दो प्रकार के ईंधन से चलने वाले वाहनों तथा फ्लेक्स ईंधन से युक्त मजबूत हाइब्रिड गाड़ियों का विनिर्माण छह महीने के भीतर शुरू करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बॉयो एथनॉल तथा उसके मिश्रण के साथ-साथ फ्लेक्स ईंधन वाली मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी पर चलने में सक्षम हैं।
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