Sports

वेटलिफ्टिंग में डोपिंग: खेल में फिर उजागर हुआ डोपिंग का मामला, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सिलवैंको पर कसा शिकंजा

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 18 Nov 2021 11:29 PM IST

सार

यह मामला अप्रैल 2012 में हुए यूरोपियन चैंपियनशिप्स यानी लंदन ओलंपिक से चार महीने पहले का है। आईटीए ने पुराने सैंपल्स की नए तरीकों से जांच की। तुर्की में हुए इस चैंपियनशिप में आठ देशों के 13 वेटलिफ्टर्स जिन्होंने 11 मेडल्स जीते थे डोप टेस्ट में फेल हुए हैं।

ओक्साना सिलवैंको
– फोटो : सोशल मीडिया

ख़बर सुनें

विस्तार

ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रूस की ओक्साना सिलवैंको पर डोपिंग के चार्जेज लगे हैं। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी ने बताया कि सिलवैंको का नाम उन 13 यूरोपियन वेटलिफ्टर्स के लिस्ट में शामिल है जो 2012 लंदन गेम्स के दौरान क्वालिफिकेशन के दौरान डोप में फंसी थीं।

यह मामला अप्रैल 2012 में हुए यूरोपियन चैंपियनशिप्स यानी लंदन ओलंपिक से चार महीने पहले का है। आईटीए ने पुराने सैंपल्स की नए तरीकों से जांच की। तुर्की में हुए इस चैंपियनशिप में आठ देशों के 13 वेटलिफ्टर्स जिन्होंने 11 मेडल्स जीते थे डोप टेस्ट में फेल हुए हैं। जब तक उनके मामलों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक उन सभी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

इन 13 में से आठ वेटलिफ्टर्स अपने करियर में कभी न कभी डोप टेस्ट में फेल हो चुके हैं और कई बार बैन भी झेल चुके हैं। इनमें से ज्यादातर रिटायर्ड हैं। इनमें सिलवैंको का भी नाम शामिल है। सिलवैंको 2008 बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट रही थीं। इसके बाद 2012 यूरोपियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीता था। इसके बाद वह लंदन ओलंपिक में नहीं खेली थीं और चोट का हवाला दिया था।

सिलवैंको 2018 से 2020 के बीच डोपिंग के लिए बैन भी की जा चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय डोपिंग फेडरेशन ने इस साल मार्च में कहा था कि सिलवैंको पर मास्को ड्रग टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक डोपिंग के दूसरे आरोप भी हैं। कोई भी वेटलिफ्टर जो 2012 यूरोपियन चैंपियनशिप के दौरान डोप टेस्ट में फेल पाया गया, उन्हें ओलंपिक में हिस्सा लेने से मना कर दिया गया था। हालांकि, इसका उनके मेडल पर कोई असर नहीं पड़ा था।

आईटीए वेटलिफ्टिंग को डोप और इससे संबंधित गंभीर आरोपों से मुक्त कराना चाहता है। इसी वजह से वह इतने कठोर फैसले ले रहा है। इसी कड़ी में पाया गया था कि पिछले साल पूर्व अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट तमस अजान ने डोपिंग केस को छिपाने के लिए पैसे लिए थे और मामलों को दबा दिया था। आईटीए इन समस्याओं से निपटने की कोशिश कर रहा है।

 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: