अब हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष ने बुधवार को संसद कक्ष में शिशुओं को अनुमति देने के नियमों की समीक्षा की घोषणा की है। सांसद स्टेला ने शिकायत की थी कि उनके तीन महीने के बच्चे को सदन में ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
विपक्षी लेबर पार्टी की स्टेला क्रीसी को बताया गया कि संसद परिसर के वेस्टमिंस्टर हॉल में बच्चे को बहस में लाना नियमों के खिलाफ है। वहीं क्रीसी ने लिखा कि ऐसा लगता है कि सभी सांसदों की जननी ब्रिटिश संसद में अब माताओं को देखा या सुना नहीं जा सकता है।
स्पीकर सर लिंडसे हॉयल ने कॉमन्स प्रोसीजर कमेटी से इस मामले को देखने के लिए कहा साथ ही उन्होंने कहा कि माता-पिता के लिए संसद के काम में पूरी तरह से भाग लेना काफी महत्वपूर्ण था, परिसर में एक नर्सरी भी है। उन्होंने कहा कि नियमों को संदर्भ में देखा जाना चाहिए और वे समय के साथ बदलते हैं।
नियम को लेकर स्टेला क्रीसी को एक लेटर भी मिला है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी और इस मामले में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का समर्थन प्राप्त हुआ है।
जॉनसन के डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि हम पूरी तरह से उन सांसदों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं जो नई मां, नए पिता या दत्तक माता-पिता हैं और संसद ने हाल के वर्षों में अधिक परिवार के अनुकूल बनने के लिए कुछ सकारात्मक बदलाव किए हैं, जिसमें प्रॉक्सी वोटिंग भी शामिल है।
प्रवक्ता ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी कार्यस्थल आधुनिक, लचीले और माता-पिता के लिए उपयुक्त हों। यह स्पष्ट रूप से सदन का मामला है। इस मामले को लेकर आज एक बयान जारी किया है, लेकिन हम बहुत अधिक सुधार देखना चाहते हैं।
विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद स्टेला क्रीसी ने एक मीडिया चैनल को बताया कि वह नियमित रूप से अपने बेटे को जिसे वह स्तनपान करा रही है और उससे पहले, अपनी बेटी को कॉमन्स चैंबर में ले जाती थी। लेकिन मंगलवार को नियमों का हवाला देते हुए एक मुझे एक ईमेल प्राप्त हुआ है।
इसमें लिखा है कि जब आप अपने बच्चे के साथ हों तो आपको कक्ष में अपना स्थान नहीं लेना चाहिए, और न ही कक्ष के किसी भी छोर पर, न हॉल के बीच खड़े होना चाहिए। क्रीसी को अन्य महिला सांसदों का समर्थन प्राप्त है, जो कहती हैं कि यह व्यवस्था राजनीति में महिलाओं के लिए काम नहीं करती है।