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विलय: दुनिया का पांचवां बड़ा कर्जदाता बन जाएगा एचडीएफसी बैंक, 18 महीने में पूरी होगी प्रक्रिया

विलय: दुनिया का पांचवां बड़ा कर्जदाता बन जाएगा एचडीएफसी बैंक, 18 महीने में पूरी होगी प्रक्रिया

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 05 Apr 2022 10:57 AM IST

सार

HDFC Bank Will Become World’s Fifth Largest Lender: सोमवार को एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के बीच विलय की घोषणा कर दी गई। इस विलय को करीब आठ साल पहले मंजूरी मिली थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रक्रिया 18 महीने में पूरी होगी और इसके बाद एचडीएफसी बैंक दुनिया का पांचवां बड़ा कर्जदाता बन जाएगा। 
 

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सोमवार को देश की दो दिग्गज कंपनियों एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के एक होने की घोषणा की दी गई। शेयर बाजार को इस विलय की पूरी जानकारी मुहैया करा दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अभी कुछ नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद इस सौदे को अगले 18 महीने में पूरा किया जाएगा और उसके बाद एक नई कंपनी बनेगी। इससे एचडीएफसी बैंक एक बड़े हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो का निर्माण करेगा और साथ ही उसके ग्राहकों की संख्या भी बढ़ेगी। इस सौदे के बाद एचडीएफसी लिमिटेड की बैंक में 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी। विलय के बाद नई कंपनी की बैलेंसशीट 17.87 लाख करोड़ रुपये होगी।

मार्केट कैप के मामले में दूसरे नंबर पर   
विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी हिस्सेदारी जनता की हो जाएगी। एचडीएफसी लिमिटेड की कुल संपत्ति 6.23 लाख करोड़ रुपये हैं जबकि एचडीएफसी बैंक की संपत्ति 19.38 लाख करोड़ रुपये है। एचडीएफसी बैंक के पास 6.8 करोड़ ग्राहक हैं। दोनों कंपनियों के एक हो जाने से इनका बाजार पूंजीकरण रिलायंस के बाद सबसे ज्यादा हो गया है। एचडीएफसी लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 4.8 लाख करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक का 9.18 लाख करोड़  है। इस तरह से दोनों का बाजार पूंजीकरण 13.98 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि अभी रिलायंस के बाद दूसरे नंबर पर मौजूद टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 13.79 लाख करोड़ रुपये है।

कर्मचारियों पर नहीं होगा कोई असर
विलय के बाद एचडीएफसी लिमिडेट के हर 25 शेयर्स पर एचडीएफसी बैंक का 42 शेयर दिया जाएगा। जानकारों के मुताबिक, विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों की संख्या बढ़ जाएगी। क्योंकि एचडीएफसी लिमिटेड के करीबन 70 फीसदी ग्राहक ऐसे हैं जिनका एचडीएफसी बैंक में खाता नहीं है। दूसरी ओर एचडीएफसी बैंक के 80 फीसदी ग्राहक दूसरे बैंक से कर्ज लेते हैं तो इसका भी एक फायदा बैंक को मिलेगा। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि इस विलय के बाद नई कंपनी की बैलेंसशीट बढ़ेगी और साथ ही होम लोन लेने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी लाइफ में 50 फीसदी तक हिस्सा बढ़ाया जा सकता है, जो अभी 48 फीसदी है। इस विलय से किसी भी कर्मचारी पर कोई असर नहीं होगा।

विलय की खबर से शेयर बने रॉकेट
गौरतलब है कि सोमवार को जैसे ही दोनों कंपनियों के विलय का एलान किया गया, इन कंपनियों के शेयर रॉकेट की रफ्तार से ऊपर चढ़ने लगे। एचडीएफसी लिमिटेड का शेयर कारोबार के अंत में 9.15 फीसदी बढ़कर 2,675 रुपये पर बंद हुआ जबकि एचडीएफसी बैंक का शेयर 9.97 फीसदी बढ़कर 1,656 रुपये पर बंद हुआ। यहां बता दें कि दिसंबर 2021 की तिमाही में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध फायदा 10,342 करोड़ रुपये रहा था, जबकि एचडीएफसी लिमिटेड का फायदा 3,261 करोड़ रुपये था। एचडीएफसी बैंक का लोन मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 20.9 फीसदी की दर से बढ़कर 13.69 लाख करोड़ रुपये रहा और 15.59 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि रही। रिटेल लोन 15 फीसदी की दर से बढ़ा है जबकि खुदरा जमा 18.5 फीसदी की दर से बढ़ी है। बैंक की कुल 6,342 शाखाएं हैं जिसमें 563 शाखाएं इसने मार्च तिमाही में खोला है।

कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा विलय
एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक के साथ विलय होने के बाद इसकी बैलेंसशीट आईसीआईसीआई बैंक की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में यह सबसे बड़ा विलय है। इसके बाद एचडीएफसी बैंक का लोन 42 फीसदी बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा और इससे बैंक की बाजार हिस्सेदारी 11 से बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी। हालांकि विलय के बाद भी एचडीएफसी बैंक दूसरे नंबर का सबसे बड़ा बैंक रहेगा। पहले नंबर पर एसबीआई का नाम है और तीसरे नंबर पर आईसीआईसीआई बैंक रहेगा। इसके विलय में कम से कम 12 से 18 महीने लगेंगे जिसके लिए आईआरडीएआई, रिजर्व बैंक  सहित अन्य नियामकीय मंजूरी लेनी होगी। इस विलय से बैंक एक बेहतरीन दर पर पैसा जुटा पाएगा। साथ ही डिजिटल और वितरण नेटवर्क भी बढ़ेगा। 

आठ साल पहले मिली थी मंजूरी
करीबन 8 साल पहले रिजर्व बैंक के एक नोटिफिकेशन की वजह से एचडीएफसी का विलय हुआ है। उस समय रिजर्व बैंक ने मंजूरी दी थी कि बैंक लंबे समय के बॉन्ड को सस्ते घरों के लिए जारी कर सकते हैं। उस समय दोनों कंपनियों के अधिकारियों ने इस तरह के किसी विलय की संभावना को खारिज कर दिया था। जुलाई, 2014 में रिजर्वबैंक ने कहा था कि बैंक को नकद आरक्षित अनुपात को बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। दोनों कंपनियां 1994 से अलग-अलग कारोबार कर रही हैं। एचडीएफसी बैंक का परिचालन 1994 में ही शुरू हुआ था और तब से 2020 तक इसके एमडी सीईओ आदित्य पुरी थे। वे भारतीय बैंकिंग इतिहास में लंबे समय तक एमडी एवं सीईओ रहने का रिकॉर्ड बनाए हैं। एचडीएफसी बैंक होम लोन की सभी फाइल एचडीेफसी लिमिटेड को ही देता था और इस पर उसे कमीशन मिलता था।

विस्तार

सोमवार को देश की दो दिग्गज कंपनियों एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के एक होने की घोषणा की दी गई। शेयर बाजार को इस विलय की पूरी जानकारी मुहैया करा दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अभी कुछ नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद इस सौदे को अगले 18 महीने में पूरा किया जाएगा और उसके बाद एक नई कंपनी बनेगी। इससे एचडीएफसी बैंक एक बड़े हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो का निर्माण करेगा और साथ ही उसके ग्राहकों की संख्या भी बढ़ेगी। इस सौदे के बाद एचडीएफसी लिमिटेड की बैंक में 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी। विलय के बाद नई कंपनी की बैलेंसशीट 17.87 लाख करोड़ रुपये होगी।

मार्केट कैप के मामले में दूसरे नंबर पर   

विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी हिस्सेदारी जनता की हो जाएगी। एचडीएफसी लिमिटेड की कुल संपत्ति 6.23 लाख करोड़ रुपये हैं जबकि एचडीएफसी बैंक की संपत्ति 19.38 लाख करोड़ रुपये है। एचडीएफसी बैंक के पास 6.8 करोड़ ग्राहक हैं। दोनों कंपनियों के एक हो जाने से इनका बाजार पूंजीकरण रिलायंस के बाद सबसे ज्यादा हो गया है। एचडीएफसी लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 4.8 लाख करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक का 9.18 लाख करोड़  है। इस तरह से दोनों का बाजार पूंजीकरण 13.98 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि अभी रिलायंस के बाद दूसरे नंबर पर मौजूद टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 13.79 लाख करोड़ रुपये है।

कर्मचारियों पर नहीं होगा कोई असर

विलय के बाद एचडीएफसी लिमिडेट के हर 25 शेयर्स पर एचडीएफसी बैंक का 42 शेयर दिया जाएगा। जानकारों के मुताबिक, विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों की संख्या बढ़ जाएगी। क्योंकि एचडीएफसी लिमिटेड के करीबन 70 फीसदी ग्राहक ऐसे हैं जिनका एचडीएफसी बैंक में खाता नहीं है। दूसरी ओर एचडीएफसी बैंक के 80 फीसदी ग्राहक दूसरे बैंक से कर्ज लेते हैं तो इसका भी एक फायदा बैंक को मिलेगा। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि इस विलय के बाद नई कंपनी की बैलेंसशीट बढ़ेगी और साथ ही होम लोन लेने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी लाइफ में 50 फीसदी तक हिस्सा बढ़ाया जा सकता है, जो अभी 48 फीसदी है। इस विलय से किसी भी कर्मचारी पर कोई असर नहीं होगा।

विलय की खबर से शेयर बने रॉकेट

गौरतलब है कि सोमवार को जैसे ही दोनों कंपनियों के विलय का एलान किया गया, इन कंपनियों के शेयर रॉकेट की रफ्तार से ऊपर चढ़ने लगे। एचडीएफसी लिमिटेड का शेयर कारोबार के अंत में 9.15 फीसदी बढ़कर 2,675 रुपये पर बंद हुआ जबकि एचडीएफसी बैंक का शेयर 9.97 फीसदी बढ़कर 1,656 रुपये पर बंद हुआ। यहां बता दें कि दिसंबर 2021 की तिमाही में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध फायदा 10,342 करोड़ रुपये रहा था, जबकि एचडीएफसी लिमिटेड का फायदा 3,261 करोड़ रुपये था। एचडीएफसी बैंक का लोन मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 20.9 फीसदी की दर से बढ़कर 13.69 लाख करोड़ रुपये रहा और 15.59 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि रही। रिटेल लोन 15 फीसदी की दर से बढ़ा है जबकि खुदरा जमा 18.5 फीसदी की दर से बढ़ी है। बैंक की कुल 6,342 शाखाएं हैं जिसमें 563 शाखाएं इसने मार्च तिमाही में खोला है।

कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा विलय

एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक के साथ विलय होने के बाद इसकी बैलेंसशीट आईसीआईसीआई बैंक की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में यह सबसे बड़ा विलय है। इसके बाद एचडीएफसी बैंक का लोन 42 फीसदी बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा और इससे बैंक की बाजार हिस्सेदारी 11 से बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी। हालांकि विलय के बाद भी एचडीएफसी बैंक दूसरे नंबर का सबसे बड़ा बैंक रहेगा। पहले नंबर पर एसबीआई का नाम है और तीसरे नंबर पर आईसीआईसीआई बैंक रहेगा। इसके विलय में कम से कम 12 से 18 महीने लगेंगे जिसके लिए आईआरडीएआई, रिजर्व बैंक  सहित अन्य नियामकीय मंजूरी लेनी होगी। इस विलय से बैंक एक बेहतरीन दर पर पैसा जुटा पाएगा। साथ ही डिजिटल और वितरण नेटवर्क भी बढ़ेगा। 

आठ साल पहले मिली थी मंजूरी

करीबन 8 साल पहले रिजर्व बैंक के एक नोटिफिकेशन की वजह से एचडीएफसी का विलय हुआ है। उस समय रिजर्व बैंक ने मंजूरी दी थी कि बैंक लंबे समय के बॉन्ड को सस्ते घरों के लिए जारी कर सकते हैं। उस समय दोनों कंपनियों के अधिकारियों ने इस तरह के किसी विलय की संभावना को खारिज कर दिया था। जुलाई, 2014 में रिजर्वबैंक ने कहा था कि बैंक को नकद आरक्षित अनुपात को बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। दोनों कंपनियां 1994 से अलग-अलग कारोबार कर रही हैं। एचडीएफसी बैंक का परिचालन 1994 में ही शुरू हुआ था और तब से 2020 तक इसके एमडी सीईओ आदित्य पुरी थे। वे भारतीय बैंकिंग इतिहास में लंबे समय तक एमडी एवं सीईओ रहने का रिकॉर्ड बनाए हैं। एचडीएफसी बैंक होम लोन की सभी फाइल एचडीेफसी लिमिटेड को ही देता था और इस पर उसे कमीशन मिलता था।

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