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विनिर्माण क्षेत्र : विनिर्माण गतिविधियों की रफ्तार सात महीने में हुई सबसे तेज, नए ऑर्डर में तेजी से आई मजबूती

विनिर्माण क्षेत्र : विनिर्माण गतिविधियों की रफ्तार सात महीने में हुई सबसे तेज, नए ऑर्डर में तेजी से आई मजबूती

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 02 Nov 2021 03:30 AM IST

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नए ऑर्डर में तेजी एवं कंपनियों के उत्पादन बढ़ाने की वजह से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में और मजबूती आई। आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) अक्तूबर, 2021 में बढ़कर 55.9 हो गया।

55.9 रहा विनिर्माण पीएमआई अक्तूबर में, सितंबर में 53.7 था
यह विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में इस साल फरवरी के बाद से सबसे मजबूत सुधार है। यह आंकड़ा व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार को बताता है। सितंबर में विनिर्माण पीएमआई 53.7 रहा था।

नए ऑर्डर में तेजी एवं कंपनियों के उत्पादन बढ़ाने से आई मजबूती
आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी मासिक सर्वे में कहा गया है कि विनिर्माण पीएमआई में अक्तूबर में लगातार चौथे महीने विस्तार देखने को मिला। इस दौरान कंपनियों का उत्पादन और नए ऑर्डर सात महीनों में सबसे तेजी से बढ़े। व्यापार आशावाद भी छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसमें आगे कहा गया है कि पीएमआई का 50 से अधिक रहना विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। 

निर्यात तीन महीने में सबसे ज्यादा
आईएचएस मार्किट की संयुक्त निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार और कारोबारी गतिविधियों में तेजी के दम पर विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन लगातार बढ़ रहा है। अक्तूबर में कंपनियों के नए ऑर्डर, उत्पादन और कच्चे माल की खरीद में तेजी से बढ़ोतरी हुई। इस दौरान नए निर्यात की गति तीन महीने में सबसे तेज थी।

उन्होंने कहा कि कंपनियों ने अपने स्टॉक का निर्माण कर मांग में और सुधार के लिए तैयारी कर ली है। अगर महामारी नियंत्रण में रहती है तो 2021-22 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में विस्तार जारी रहेगा। 

महंगाई ने बढ़ाई चिंता, नहीं बढ़ीं नौकरियां 
लीमा ने कहा कि महंगाई अब भी चिंता का विषय है। कच्चे माल की लागत से जुड़ी महंगाई दर अक्तूबर में बढ़कर करीब 8 साल के शीर्ष पर पहुंच गई। कच्चे माल की मजबूत वैश्विक मांग से इन वस्तुओं की कीमतों में तेजी जारी रही। इसके जवाब में कुछ निर्माताओं ने कीमतें (शुल्क) बढ़ा दीं। उन्होंने कहा कि समग्र सुधार के बावजूद नौकरियां में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली।

नए ऑर्डर में तेजी एवं कंपनियों के उत्पादन बढ़ाने की वजह से विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में और मजबूती आई। आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) अक्तूबर, 2021 में बढ़कर 55.9 हो गया।

55.9 रहा विनिर्माण पीएमआई अक्तूबर में, सितंबर में 53.7 था

यह विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में इस साल फरवरी के बाद से सबसे मजबूत सुधार है। यह आंकड़ा व्यावसायिक गतिविधियों में मजबूत विस्तार को बताता है। सितंबर में विनिर्माण पीएमआई 53.7 रहा था।

नए ऑर्डर में तेजी एवं कंपनियों के उत्पादन बढ़ाने से आई मजबूती

आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी मासिक सर्वे में कहा गया है कि विनिर्माण पीएमआई में अक्तूबर में लगातार चौथे महीने विस्तार देखने को मिला। इस दौरान कंपनियों का उत्पादन और नए ऑर्डर सात महीनों में सबसे तेजी से बढ़े। व्यापार आशावाद भी छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसमें आगे कहा गया है कि पीएमआई का 50 से अधिक रहना विस्तार और इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दिखाता है। 

निर्यात तीन महीने में सबसे ज्यादा

आईएचएस मार्किट की संयुक्त निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार और कारोबारी गतिविधियों में तेजी के दम पर विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन लगातार बढ़ रहा है। अक्तूबर में कंपनियों के नए ऑर्डर, उत्पादन और कच्चे माल की खरीद में तेजी से बढ़ोतरी हुई। इस दौरान नए निर्यात की गति तीन महीने में सबसे तेज थी।

उन्होंने कहा कि कंपनियों ने अपने स्टॉक का निर्माण कर मांग में और सुधार के लिए तैयारी कर ली है। अगर महामारी नियंत्रण में रहती है तो 2021-22 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में विस्तार जारी रहेगा। 

महंगाई ने बढ़ाई चिंता, नहीं बढ़ीं नौकरियां 

लीमा ने कहा कि महंगाई अब भी चिंता का विषय है। कच्चे माल की लागत से जुड़ी महंगाई दर अक्तूबर में बढ़कर करीब 8 साल के शीर्ष पर पहुंच गई। कच्चे माल की मजबूत वैश्विक मांग से इन वस्तुओं की कीमतों में तेजी जारी रही। इसके जवाब में कुछ निर्माताओं ने कीमतें (शुल्क) बढ़ा दीं। उन्होंने कहा कि समग्र सुधार के बावजूद नौकरियां में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली।

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