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वायु सेनाध्यक्ष बोले: सुधरने वाले नहीं हैं पाक और चीन,  IAF को करना ही होगा अपनी क्षमताओं का विकास 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 08 Dec 2021 12:28 PM IST

सार

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमें अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। अपनी शक्तियों को संगठित करने कि जरूरत है।

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एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन सुधरने वाले नहीं हैं। न ही पाकिस्तान कश्मीर पर अपने रवैये को छोड़ेगा और न ही चीन अपनी साजिशों को, इसलिए हमें ही अपनी क्षमताओं का विकास करना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद प्रायोजित होता रहेगा, भविष्य में भी वह भारत पर छुप कर वार करता रहेगा। इसीलिए उसने अपनी सैन्य क्षमताओं को आधुनिक तकनीक, विमानों से लैस किया है। ऐसे में भारतीय वायु सेना को भी क्षमताओं का विकास करने की आवश्यकता है। 

ज्वलंत मुद्दा होगा सीमा विवाद
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमें अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। अपनी शक्तियों को संगठित करने कि जरूरत है, जिससे हम किसी भी रूप में पीछे न रहें। क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से भारत अस्थिर सीमा और अस्थितर पड़ोसियों से घिरा हुआ है। इसलिए भविष्य में यह एक ज्वलंत मुद्दा हो सकता है। 

आक्रामक दृष्टिकोण की जरूरत
वायुसेना अध्यक्ष ने कहा कि भारत अपनी रक्षात्मक युद्ध शैली को बदलक आक्रामक दृष्टिकोण अपना रहा है। हमें अपने वायु सेना के बेड़े को बढ़ाने और उसमें स्वदेश निर्मित उपकरणों की जरूरत है। 

विस्तार

एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन सुधरने वाले नहीं हैं। न ही पाकिस्तान कश्मीर पर अपने रवैये को छोड़ेगा और न ही चीन अपनी साजिशों को, इसलिए हमें ही अपनी क्षमताओं का विकास करना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद प्रायोजित होता रहेगा, भविष्य में भी वह भारत पर छुप कर वार करता रहेगा। इसीलिए उसने अपनी सैन्य क्षमताओं को आधुनिक तकनीक, विमानों से लैस किया है। ऐसे में भारतीय वायु सेना को भी क्षमताओं का विकास करने की आवश्यकता है। 

ज्वलंत मुद्दा होगा सीमा विवाद

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमें अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। अपनी शक्तियों को संगठित करने कि जरूरत है, जिससे हम किसी भी रूप में पीछे न रहें। क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से भारत अस्थिर सीमा और अस्थितर पड़ोसियों से घिरा हुआ है। इसलिए भविष्य में यह एक ज्वलंत मुद्दा हो सकता है। 

आक्रामक दृष्टिकोण की जरूरत

वायुसेना अध्यक्ष ने कहा कि भारत अपनी रक्षात्मक युद्ध शैली को बदलक आक्रामक दृष्टिकोण अपना रहा है। हमें अपने वायु सेना के बेड़े को बढ़ाने और उसमें स्वदेश निर्मित उपकरणों की जरूरत है। 

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