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वहशत: महाराष्ट्र के जंगल में ‘बंगाल मॉनिटर छिपकली’ के साथ चार लोगों ने किया कुकृत्य, आरोपी गिरफ्तार

पीटीआई, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 14 Apr 2022 03:01 AM IST

सार

महाराष्ट्र के सह्याद्रि टाइगर रिजर्व में सनसनीखेज मामला सामने आया है। बंगाल मॉनिटर छिपकली के साथ कथित रूप से कुकृत्य करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी पेशे से शिकारी हैं और इन्होंने गोठाणे के गाभा इलाके में सह्याद्रि टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बतौर टूरिस्ट एंट्री ली थी।

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– फोटो : सोशल मीडिया

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विस्तार

महाराष्ट्र में वहशीपन का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां सह्याद्री टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में ‘बंगाल मॉनिटर छिपकली’ से कथित तौर पर कुकृत्य करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक वन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि यह घटना रत्नागिरी जिले के गोठाणे गांव में हुई। उन्होंने बताया कि रिजर्व के तहत आने वाले चंदोली राष्ट्रीय उद्यान में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए आरोपियों के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद यह मामला सामने आया। एसटीआर चार जिलों सतारा, सांगली, कोल्हापुर और रत्नागिरी में फैला हुआ है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान संदीप तुकाराम पवार, मंगेश कामटेकर, अक्षय कामटेकर और रमेश घाग के रूप में हुई है। महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपी के मोबाइल फोन की जब जांच की तो उन्हें घटना के बारे में पता चला। अधिकारियों को आरोपी के मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग मिली जिसमें आरोपी को मॉनिटर छिपकली के साथ कथित रूप से सामूहिक कुकृत्य करते देखा गया।

सांगली फॉरेस्ट रिजर्व में तैनात वन अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों का पता लगाया, जिसमें उन्हें जंगल में घूमते देखा गया। घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि चार लोग आरोपी कोंकण से कोल्हापुर के चंदोली गांव में शिकार के लिए आए थे।

वन अधिकारी ने कहा, “हमने आरोपियों से सभी संबंधित सबूत बरामद किए हैं और उन्हें शुरू में वन विभाग की हिरासत में दिया गया था, लेकिन अब जमानत पर बाहर हैं।”

एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर नानासाहेब ने कहा, ‘चारों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।’ उन्होंने कहा कि उन्हें हर सोमवार को मामले की जांच कर रहे वन अधिकारी के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बंगाल मॉनिटर छिपकली वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक आरक्षित प्रजाति है। यदि आरोपी को दोषी ठहराया जाता है तो इन्हें सात साल की कैद हो सकती है।

‘बंगाल मॉनिटर’, एक बड़े आकार की छिपकली होती है जोकि भारतीय उपमहाद्वीप के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में पायी जाती है। यह बड़ी छिपकली मुख्य रूप से जमीन पर रहती है और इसकी कुल लंबाई लगभग 61 से 175 सेमी (24 से 69 इंच) तक होती है।

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