टेक डेस्क, अमर उजाला, मास्को/कीव
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Tue, 01 Mar 2022 10:58 AM IST
सार
मेटा की जांच से पता चला कि इन लोगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-जनरेटेड हेडशॉट्स को प्रोफाइल पिक्चर्स के रूप में इस्तेमाल किया और खुद को न्यूज एडिटर, पूर्व एविएशन इंजीनियर और एक वैज्ञानिक प्रकाशन के रूप में प्रस्तुत किया।
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विस्तार
फेसबुक की मूल कंपनी मेटा के मुताबिक रूस, डोनबास और क्रीमिया के रूसी-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों के लोगों ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर गलत जानकारी पोस्ट किए, हालांकि इस पेज पर करीब 4,000 फॉलोअर्स ही थे। गलत जानकारी शेयर करने में कई फर्जी प्रोफाइल भी शामिल थे।
मेटा की जांच से पता चला कि इन लोगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-जनरेटेड हेडशॉट्स को प्रोफाइल पिक्चर्स के रूप में इस्तेमाल किया और खुद को न्यूज एडिटर, पूर्व एविएशन इंजीनियर और एक वैज्ञानिक प्रकाशन के रूप में प्रस्तुत किया। वहीं बेलारूस-आधारित हैकर्स ग्रुप ने कई अकाउंट हैक किए उनका इस्तेमाल यूक्रेन विरोधी और रूस समर्थक प्रचार को बढ़ावा देने के लिए किया।
हैकर्स ने यूक्रेन में पत्रकारों, सैन्य कर्मियों और स्थानीय सार्वजनिक अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए फिशिंग अटैक का भी इस्तेमाल किया और हैक हुए अकाउंट से यूक्रेनी सैनिकों को कमजोर और रूस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले के रूप में एडिटेड वीडियो शेयर किए। फेसबुक ने हैकर की पहचान घोस्टराइटर के तौर पर हुई है जो कि कथित तौर पर बेलारूस सरकार के लिए काम करता है।
वहीं ट्विटर ने कहा कि स्वतंत्र समाचार आउटलेट के तौर पर खुद को प्रस्तुत करने वाले अकाउंट से दावा किया गया कि यूक्रेनी सैनिकों ने खुले हाथों से रूसी सैनिकों का स्वागत किया। इन अकाउंट से यह भी दावा किया गया कि यूक्रेनी सेना नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। और युद्ध के प्रतिबंधित हथियारों का भी इस्तेमाल कर रही है। ये सभी हैंडल यूक्रेन टुडे नाम की साइट से जुड़े थे। इन अकाउंट्स को अब डिलीट कर दिया गया है।
ट्विटर ने कहा है कि 27 फरवरी को पॉलिसी उल्लंघन और स्पैम के कारण दर्जनों अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड किया गया और कई अकाउंट ब्लॉक किए गए। ट्विटर ने कहा कि उसकी जांच लगातार जारी है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी।