न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 06:59 AM IST
सार
लिफ फिनटेक के एमडी एवं सीईओ मिलिंद गोवर्धन का कहना है कि मेट्रो शहरों के लिए यह लिमिट 1.5 करोड़ और गैर-मेट्रो शहरों के लिए 75 लाख रुपये रखी जानी चाहिए। इससे क्षेत्र को राहत मिलने के साथ लोगों का मकान का सपना पूरा होगा।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
खरीदारों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए सरकार किफायती आवासीय श्रेणी के लिए 45 लाख की लिमिट बढ़ सकती है। लिफ फिनटेक के एमडी एवं सीईओ मिलिंद गोवर्धन का कहना है कि मेट्रो शहरों के लिए यह लिमिट 1.5 करोड़ और गैर-मेट्रो शहरों के लिए 75 लाख रुपये रखी जानी चाहिए। इससे क्षेत्र को राहत मिलने के साथ लोगों का मकान का सपना पूरा होगा।
वाणिज्यिक संपत्तियों पर घट सकती है जीएसटी
भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले ऑफिस की बड़े पैमाने पर जरूरत होगी। इसे देखते हुए सरकार वाणिज्यिक संपत्तियों पर जीएसटी घटा सकती है। टीडीसी में कटौती संभव है सिंगल विंडो क्लियरेंस को भी मंजूरी मिल सकती है।