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बजट 2022: छोटे और मझोले उद्योगों के लिए हो सकती हैं कई घोषणाएं, निर्यात बढ़ाने पर रहेगा जोर

बजट 2022: छोटे और मझोले उद्योगों के लिए हो सकती हैं कई घोषणाएं, निर्यात बढ़ाने पर रहेगा जोर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 07:02 AM IST

सार

सरकार को ऐसी योजनओं की घोषणा करनी चाहिए, जिससे समाज के सबसे कम आय वर्ग के लोगों की खपत बढ़ सके। निर्यात पर भी ध्यान देना होगा।

सांकेतिक तस्वीर…
– फोटो : सोशल मीडिया

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कोरोना की मार झेल रहे उद्योग जगत को बजट से काफी उम्मीदें हैं। होटल, पर्टयन, विमानन सहित छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिए कई घोषणाएं हो सकती हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ का कहना है कि भारत को बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से चिकित्सा बुनियादी ढांचे में निवेश करना जारी रखना चाहिए।

सरकार को ऐसी योजनओं की घोषणा करनी चाहिए, जिससे समाज के सबसे कम आय वर्ग के लोगों की खपत बढ़ सके। निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। निर्यातकों के लिए दोहरी कर कटौती योजना मालवहन की लागत बढ़ने और वैश्विक पोत परिवहन कंपनियों पर निर्भरता होने से निर्यात क्षेत्र गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। 

निर्यातकों और खासकर एमएसएमई के लिए विदेशी बाजार बड़ी चुनौती बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दोहरी कर कटौती योजना लाने की जरूरत है, जिसमें पांच लाख रुपये की आय सीमा रखी जाए।

एमएसएमई को पिछले साल की तरह मिल सकती है सौगात 
पिछले साल के बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों ( एमएसएमई ) को सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए गए थे। क्षेत्र के लिए सरकार ने 15,700 करोड़ का बजट दिया था। इस साल भी क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें करों का सरलीकरण, फंडिंग के अवसर, स्टार्टअप के लिए ऋण सुविधाओं में सुधार, अनुमोदन और लाइसेंस के लिए आसान प्रक्रियाएं आदि।

विस्तार

कोरोना की मार झेल रहे उद्योग जगत को बजट से काफी उम्मीदें हैं। होटल, पर्टयन, विमानन सहित छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिए कई घोषणाएं हो सकती हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ का कहना है कि भारत को बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से चिकित्सा बुनियादी ढांचे में निवेश करना जारी रखना चाहिए।

सरकार को ऐसी योजनओं की घोषणा करनी चाहिए, जिससे समाज के सबसे कम आय वर्ग के लोगों की खपत बढ़ सके। निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। निर्यातकों के लिए दोहरी कर कटौती योजना मालवहन की लागत बढ़ने और वैश्विक पोत परिवहन कंपनियों पर निर्भरता होने से निर्यात क्षेत्र गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। 

निर्यातकों और खासकर एमएसएमई के लिए विदेशी बाजार बड़ी चुनौती बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दोहरी कर कटौती योजना लाने की जरूरत है, जिसमें पांच लाख रुपये की आय सीमा रखी जाए।

एमएसएमई को पिछले साल की तरह मिल सकती है सौगात 

पिछले साल के बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों ( एमएसएमई ) को सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए गए थे। क्षेत्र के लिए सरकार ने 15,700 करोड़ का बजट दिया था। इस साल भी क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें करों का सरलीकरण, फंडिंग के अवसर, स्टार्टअप के लिए ऋण सुविधाओं में सुधार, अनुमोदन और लाइसेंस के लिए आसान प्रक्रियाएं आदि।

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