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रिपोर्ट: हूथियों के 37 हजार के ड्रोन नष्ट करने में बर्बाद हो रही सऊदी की 22 करोड़ से ज्यादा की मिसाइल, अब अमेरिका से लगाई मदद की गुहार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Sat, 11 Dec 2021 07:40 AM IST

सार

सऊदी अधिकारियों ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि वे चिंतित हैं कि अपर्याप्त स्टॉक के कारण मिसाइल या ड्रोन हमला किया जा  सकता है। इससे सऊदी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।

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सऊदी अरब ने मिसाइल रक्षा सप्लाई के लिए अमेरिका से गुहार लगाई है। सऊदी अरब ने बताया कि यमन स्थित हूथियों विद्रोहियों के ड्रोन नष्ट करने के लिए देश को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हूथियों के 37 हजार के ड्रोन नष्ट करने में सऊदी अरब को 22 करोड़ से ज्याद का नुकसान हो रहा है। 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और खाड़ी में उसके सहयोगियों से ड्रोन और मिसाइल हमलों के खिलाफ राज्य की रक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले गोला-बारूद की सप्लाई की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि सऊदी पिछले कई महीनों से अपनी देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल यमन में हूथी विद्रोहियों द्वारा शुरू किए गए बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमलों को विफल करने के लिए कर रहा है, लेकिन हवाई हमलों को रोकने के लिए मिसाइलें कम हो गई है। 

सऊदी अरब को अमेरिका से राहत
वहीं, अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को सऊदी अरब को 65 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के हथियार बेचने से रोकने संबंधी  प्रस्ताव को खारिज कर दिया। प्रस्ताव खारिज होते ही सऊदी अरब को बड़ी राहत मिली है।  सऊदी अरब को अमेरिकी हथियारों की बिक्री को लेकर केंटुकी से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सेन रैंड पॉल के प्रक्रियात्मक प्रस्ताव को 30 के मुकाबले 67 वोट से खारिज कर दिया गया।

दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध
सऊदी अरब अमेरिका के सहयोगियों में से एक है, लेकिन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में संदिग्ध भूमिका की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में दरारें आई। हालांकि, अमेरिका की ओर से सऊदी अरब को समय-समय पर मदद मिलती रहती है। 

विस्तार

सऊदी अरब ने मिसाइल रक्षा सप्लाई के लिए अमेरिका से गुहार लगाई है। सऊदी अरब ने बताया कि यमन स्थित हूथियों विद्रोहियों के ड्रोन नष्ट करने के लिए देश को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हूथियों के 37 हजार के ड्रोन नष्ट करने में सऊदी अरब को 22 करोड़ से ज्याद का नुकसान हो रहा है। 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और खाड़ी में उसके सहयोगियों से ड्रोन और मिसाइल हमलों के खिलाफ राज्य की रक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले गोला-बारूद की सप्लाई की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि सऊदी पिछले कई महीनों से अपनी देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल प्रणाली का इस्तेमाल यमन में हूथी विद्रोहियों द्वारा शुरू किए गए बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमलों को विफल करने के लिए कर रहा है, लेकिन हवाई हमलों को रोकने के लिए मिसाइलें कम हो गई है। 

सऊदी अरब को अमेरिका से राहत

वहीं, अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को सऊदी अरब को 65 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के हथियार बेचने से रोकने संबंधी  प्रस्ताव को खारिज कर दिया। प्रस्ताव खारिज होते ही सऊदी अरब को बड़ी राहत मिली है।  सऊदी अरब को अमेरिकी हथियारों की बिक्री को लेकर केंटुकी से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सेन रैंड पॉल के प्रक्रियात्मक प्रस्ताव को 30 के मुकाबले 67 वोट से खारिज कर दिया गया।

दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध

सऊदी अरब अमेरिका के सहयोगियों में से एक है, लेकिन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में संदिग्ध भूमिका की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में दरारें आई। हालांकि, अमेरिका की ओर से सऊदी अरब को समय-समय पर मदद मिलती रहती है। 

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