एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 31 Jan 2022 05:26 AM IST
सार
रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत विरोधी अभियान देश के अंदरूनी तत्वों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है और भारत की अहिंसा की छवि को कट्टरपंथ में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
अहिंसा का संदेश (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
भारत को बदनाम करने की गंभीर साजिश रची जा रही है। विदेशी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड ने भारत की छवि को धूमिल करने के लिए पिछले सितंबर से अभियान छेड़ रखा है। ताकि देश में अशांति पैदा हो सके। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम ब्रदरहुड मानवाधिकार के नाम पर भारत के प्रमुख नेताओं को बदनाम करने का बहिष्कार अभियान चला रखा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत विरोधी अभियान देश के अंदरूनी तत्वों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है और भारत की अहिंसा की छवि को कट्टरपंथ में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इस दुष्प्रचार का उद्देश्य देश में विनिवेश, बहिष्कार, आर्थिक प्रतिबंध और आंदोलन का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर अशांति पैदा करना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में एक खास भारत विरोधी मुहिम चलाकर अशांति के उद्योग को हवा देने की कोशिश की गई है और इसके लिए अरबों डॉलर खर्च किए गए हैं। तुर्की, पाकिस्तान और कतर की मदद से मुस्लिम ब्रदरहुड कश्मीर के दुर्भावनापूर्ण मनगढ़ंत विचारों के जरिये भारत को निशाना बनाना चाहता है।
विशेषज्ञों तथ्यान्वेषकों का कहना है कि इन झूठ का उद्योग चलाने वालों के लिए कश्मीर कोई नया मसला नहीं है। पिछली रिपोर्ट में कहा गया था कि कश्मीर के नाम पर कई एनजीओ और एक्टिविस्ट मानवीय मदद के लिए चंदा वसूलते हैं, जबकि इन संगठनों का वास्तव में ऐसा कोई काम नहीं है।
विस्तार
भारत को बदनाम करने की गंभीर साजिश रची जा रही है। विदेशी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड ने भारत की छवि को धूमिल करने के लिए पिछले सितंबर से अभियान छेड़ रखा है। ताकि देश में अशांति पैदा हो सके। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम ब्रदरहुड मानवाधिकार के नाम पर भारत के प्रमुख नेताओं को बदनाम करने का बहिष्कार अभियान चला रखा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह भारत विरोधी अभियान देश के अंदरूनी तत्वों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है और भारत की अहिंसा की छवि को कट्टरपंथ में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इस दुष्प्रचार का उद्देश्य देश में विनिवेश, बहिष्कार, आर्थिक प्रतिबंध और आंदोलन का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर अशांति पैदा करना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ सालों में एक खास भारत विरोधी मुहिम चलाकर अशांति के उद्योग को हवा देने की कोशिश की गई है और इसके लिए अरबों डॉलर खर्च किए गए हैं। तुर्की, पाकिस्तान और कतर की मदद से मुस्लिम ब्रदरहुड कश्मीर के दुर्भावनापूर्ण मनगढ़ंत विचारों के जरिये भारत को निशाना बनाना चाहता है।
विशेषज्ञों तथ्यान्वेषकों का कहना है कि इन झूठ का उद्योग चलाने वालों के लिए कश्मीर कोई नया मसला नहीं है। पिछली रिपोर्ट में कहा गया था कि कश्मीर के नाम पर कई एनजीओ और एक्टिविस्ट मानवीय मदद के लिए चंदा वसूलते हैं, जबकि इन संगठनों का वास्तव में ऐसा कोई काम नहीं है।
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