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रिपोर्ट: महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर पाक की खामोशी शर्मनाक, मीडिया ने महिलाओं के खिलाफ देश में बढ़ती आक्रामकता पर सरकार को घेरा

एजेंसी, कराची/इस्लामाबाद।  
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 10 Mar 2022 02:26 AM IST

सार

डॉन अखबार ने लिखा कि महिलाओं के सामूहिक और समावेशी ढंग से अपने अधिकारों की मांग के लिए शांतिपूर्ण रैली निकालने से रोकने की अपील करना निश्चित ही सहिष्णुता नहीं कही जा सकती है। डॉन के संपादकीय में इमरान खान की पीटीआई के पाखंड पर भी हमला किया।

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पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने ही देश के मीडिया ने महिलाओं के खिलाफ देश में बढ़ती आक्रामकता पर सरकार को घेरा है। डॉन अखबार ने कहा है कि महिलाओं पर हो रहे अपराध पर पाकिस्तानी सरकार की खामोशी शर्मनाक है। अखबार ने अपने संपादकीय में कट्टरपंथी संगठनों द्वारा ‘औरत मार्च’ (महिला रैली) के विरोध को राष्ट्रीय असहिष्णुता करार दिया।

डॉन अखबार ने लिखा कि महिलाओं के सामूहिक और समावेशी ढंग से अपने अधिकारों की मांग के लिए शांतिपूर्ण रैली निकालने से रोकने की अपील करना निश्चित ही सहिष्णुता नहीं कही जा सकती है। बता दें कि पाक की विपक्षी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने औरत मार्च के खिलाफ आवाज उठाई और इसे देश में समाज व इस्लाम के मानदंडों के खिलाफ बताया।

इससे पहले पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) भी औरत मार्च का विरोध करने के लिए एक साथ हो लिए। डॉन के संपादकीय में इमरान खान की पीटीआई के पाखंड पर हमला किया। अखबार ने लिखा कि यह सब पाकिस्तानी समाज में महिला समर्थक कानूनों के बावजूद वास्तविक व्यवहार में उनकी संकीर्ण और द्वेषपूर्ण मानसिकता दिखाता है।

अल्पसंख्यक लड़कियों के धर्मांतरण के खिलाफ पाक में विरोध प्रदर्शन
ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस (जीएचआरडी) के मदद से विश्व महिला दिवस पर ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर चिंता जताई। एचआरएफपी ने फैसलाबाद मेें हुए प्रदर्शन के दौरान देश में हिंदुओं और ईसाइयों समेत अन्य अल्पसंख्यकों की ड़कियों के जबरन धर्मांतरण और निकाह का विरोध किया। अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा, अभी देश में अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए साझा संघर्ष करना होगा, क्योंकि देश में हर साल 1,000 से ज्यादा अल्पसंख्यक महिलाएं चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

विस्तार

पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने ही देश के मीडिया ने महिलाओं के खिलाफ देश में बढ़ती आक्रामकता पर सरकार को घेरा है। डॉन अखबार ने कहा है कि महिलाओं पर हो रहे अपराध पर पाकिस्तानी सरकार की खामोशी शर्मनाक है। अखबार ने अपने संपादकीय में कट्टरपंथी संगठनों द्वारा ‘औरत मार्च’ (महिला रैली) के विरोध को राष्ट्रीय असहिष्णुता करार दिया।

डॉन अखबार ने लिखा कि महिलाओं के सामूहिक और समावेशी ढंग से अपने अधिकारों की मांग के लिए शांतिपूर्ण रैली निकालने से रोकने की अपील करना निश्चित ही सहिष्णुता नहीं कही जा सकती है। बता दें कि पाक की विपक्षी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने औरत मार्च के खिलाफ आवाज उठाई और इसे देश में समाज व इस्लाम के मानदंडों के खिलाफ बताया।

इससे पहले पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) भी औरत मार्च का विरोध करने के लिए एक साथ हो लिए। डॉन के संपादकीय में इमरान खान की पीटीआई के पाखंड पर हमला किया। अखबार ने लिखा कि यह सब पाकिस्तानी समाज में महिला समर्थक कानूनों के बावजूद वास्तविक व्यवहार में उनकी संकीर्ण और द्वेषपूर्ण मानसिकता दिखाता है।

अल्पसंख्यक लड़कियों के धर्मांतरण के खिलाफ पाक में विरोध प्रदर्शन

ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस (जीएचआरडी) के मदद से विश्व महिला दिवस पर ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर चिंता जताई। एचआरएफपी ने फैसलाबाद मेें हुए प्रदर्शन के दौरान देश में हिंदुओं और ईसाइयों समेत अन्य अल्पसंख्यकों की ड़कियों के जबरन धर्मांतरण और निकाह का विरोध किया। अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा, अभी देश में अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए एक सुरक्षित जगह बनाने के लिए साझा संघर्ष करना होगा, क्योंकि देश में हर साल 1,000 से ज्यादा अल्पसंख्यक महिलाएं चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

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