एजेंसी, बीजिंग।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 15 Dec 2021 06:01 AM IST
सार
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन तिब्बती लोगों को यिमिन शिबियन नामक क्षेत्र में स्थानांतरित कर रहा है।
चीन ने तिब्बती लोगों की संस्कृति को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल्पसंख्यक समुदाय को दरकिनार करने और बीजिंग के रणनीतिक हितों को पूरा करने के लिए चीन सीमावर्ती गावों में मौजूदा घरों को ध्वस्त कर गरीब तिब्बतियों को नए गांव के घरों में जाने के लिए मजबूर कर रहा है।
चीन के पास संवेदनशील सीमा क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए लोगों को स्थानांतरित कर नए सिरे से बसाने और पुरानी संस्कृति को खत्म करने का लंबा इतिहास रहा है।
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन तिब्बती लोगों को यिमिन शिबियन नामक क्षेत्र में स्थानांतरित कर रहा है। मंचूरिया, भीतरी मंगोलिया अथवा शिनजियांग के सीमावर्ती क्षेत्रों के विपरीत इस इलाके में खेती बेहद मुश्किल है। यह सीमावर्ती गांव समुद्र तल से 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है।
चीनी प्रशासन चाहता है कि तिब्बत के लोग इसी गांव में आकर बसें और अपने पुराने घरों को ध्वस्त करें। चीन की यह सीमा परियोजना अनिवार्य रूप से उपनिवेशवाद का नया रूप मानी जा रही है। यहां बसने वालों की धार्मिक मान्यताएं भी खत्म कर दी जाएंगी।
विस्तार
चीन ने तिब्बती लोगों की संस्कृति को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल्पसंख्यक समुदाय को दरकिनार करने और बीजिंग के रणनीतिक हितों को पूरा करने के लिए चीन सीमावर्ती गावों में मौजूदा घरों को ध्वस्त कर गरीब तिब्बतियों को नए गांव के घरों में जाने के लिए मजबूर कर रहा है।
चीन के पास संवेदनशील सीमा क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए लोगों को स्थानांतरित कर नए सिरे से बसाने और पुरानी संस्कृति को खत्म करने का लंबा इतिहास रहा है।
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन तिब्बती लोगों को यिमिन शिबियन नामक क्षेत्र में स्थानांतरित कर रहा है। मंचूरिया, भीतरी मंगोलिया अथवा शिनजियांग के सीमावर्ती क्षेत्रों के विपरीत इस इलाके में खेती बेहद मुश्किल है। यह सीमावर्ती गांव समुद्र तल से 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है।
चीनी प्रशासन चाहता है कि तिब्बत के लोग इसी गांव में आकर बसें और अपने पुराने घरों को ध्वस्त करें। चीन की यह सीमा परियोजना अनिवार्य रूप से उपनिवेशवाद का नया रूप मानी जा रही है। यहां बसने वालों की धार्मिक मान्यताएं भी खत्म कर दी जाएंगी।
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