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हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारों ने दर्शकों के दिलों पर राज किया, लेकिन राजकुमार ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री ने भी उन्हें ‘राजकुमार’ माना।
दोस्तों आज हम बात करेंगे अपने जमाने के मशहूर शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार शकील बदायूंनी की….शकील महान गीतकारों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने हिंदी सिनेमा को जो गीत बख्शे हैं उन्हें गुनगुनाकर आज की युवा पीढ़ी भी मोहब्बत की कहानी लिखती है। उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे शकील बदायूंनी का नाम शकील अहमद था। समय के साथ न कला मरती है और न ही कलाकार। सिर्फ एक जिक्र छेड़ देने भर से ही पूरा दौर दोहरा जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है शकील बदायूंनी की…
भारत में बेहतरीन गायक-गायिकाओं की कमी नहीं रही है। जैसे-जैसे बोलती फिल्मों का चलन शुरू हुआ वैसे-वैसे गायकों की मांग बढ़ने लगी। उसी दौर की एक गायिका थीं शमशाद बेगम। शमशाद बेगम के गाए हुए गाने आज भी गुनगुनाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महान गायिकाओं में शुमार शमशाद बेगम के पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी गाना गाए। जी हां, कुछ ऐसी ही थी शमशाद बेगम की जिंदगी…सुनिए इस पॉडकास्ट में….
बॉलीवुड में दुश्मनी के किस्से तो बहुत सुने होंगे आपने, लेकिन कुछ ऐसी दोस्ताना जोड़ियां भी रही हैं जिनकी दोस्ती को सालों तक याद किया गया। इन्हीं में से एक है फिरोज खान और विनोद खन्ना की दोस्ती। अभिनेता फिरोज खान और विनोद खन्ना की दोस्ती जगजाहिर थी। गुजरे जमाने के ये दो जबरदस्त सितारे एक दूसरे के बेहद करीब थे।
दोस्तों आप महान अभिनेता दिलीप कुमार से तो वाकिफ होंगे लेकिन क्या आप उनके भाई नासिर खान को जानते हैं जो पाकिस्तानी फिल्मों के पहले हीरो कहलाते थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी काफी काम किया लेकिन अपने भाई दिलीप कुमार की तरह नाम नहीं कमा पाए। नासिर खान के बेटे अय्यूब खान हैं जो कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुके हैं। आइए जानते हैं नासिर खान की जिंदगी के बारे में….
इंडस्ट्री में आने से पहले मैक मोहन अपने स्टाइल और कपड़ों को लेकर खूब मशहूर थे। लोग अक्सर उन्हें ‘कड़क राम’ कहते थे क्योंकि उनके कपड़ों की क्रीज कभी नहीं टूटती थी…उन्हें अच्छी तरह से इस्त्री किया जाता था और पूरी तरह से फिट होते थे। उनका स्टाइल सेंस स्क्रीन पर भी झलकता था और उनकी फिल्मों में उनके लुक्स में उनका बहुत बड़ा योगदान था।
बॉलीवुड में कई कॉमेडियन हुए हैं जिन्होंने दर्शकों को अपनी अदाकारी से हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया। ये ऐसे कॉमेडियन होते थे जिनसे बड़े-बड़े हीरो घबराते थे। इन्हीं में से एक थे आईएस जौहर यानी इंदर सेन जौहर। इंदर सेन जौहर रिश्ते में करण जौहर के चाचा लगते थे। जौहर ऐसे कॉमेडियन थे जिनकी हास्य फिल्मों से तत्कालीन सरकारें भी घबराती थीं।
दोस्तों मैं हर रोज किसी फिल्म, अभिनेता या अभिनेत्री की बात करता हूं लेकिन आज बात होगी एक महान संगीतकार की…एक ऐसे संगीतकार की जिसने कभी भी संगीत से समझौता नहीं किया…संगीत के लिए धन-दौलत ठुकरा दी…जी हां…हम बात कर रहे हैं मशहूर ओ मारूफ संगीतकार नौशाद की…नौशाद फिल्मों की संख्या से ज्यादा संगीत को तरजीह देते थे।
बॉलीवुड में 70-80 के दशक में चॉकलेटी हीरो के तौर पर मशहूर हुए अभिनेता विनोद मेहरा को गुजरते वक्त के साथ आज की पीढ़ी शायद भूल गई हो। लेकिन एक दौर था जब उनके पास फैन फॉलोइंग की कमी नहीं थी। उन्हें याद करते हुए एक बार फिर उनके फिल्मी सफर पर नजर डालेंगे। लेकिन कहते हैं न कि सिनेमा की दुनिया में कब किसका सितारा जगमगा कर ढल जाए कोई नहीं बता सकता। कुछ ऐसा ही विनोद मेहरा के साथ भी हुआ।
फिल्मों में जितनी जरूरत हीरो की होती है उतनी ही जरूरत एक खलनायक की भी होती है। खलनायक को हराकर ही हीरो बनता है। वैसे तो हिंदी फिल्मों में कई विलेन रहे हैं लेकिन आज हम बात करेंगे उस विलेन की जिसने कभी फिल्मों के बारे में नहीं सोचा था। उसका मकसद तो नौकरी करना था जबकि उसके परिवार के लोग फिल्मों से जुड़े थे। पहले ये कलाकार नायक बना और जब सफलता नहीं मिली तो खलनायक बनकर शोहरत पा ली। इस एक्टर का नाम है अनवर हुसैन।
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