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योजना: क्या मिलेगी राहत? बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही सरकार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ‌डिंपल अलावाधी
Updated Wed, 25 Aug 2021 12:16 PM IST

सार

सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही है। ज्यादातर बैंक गारंटी लोन देते समय मांगी जाती है। 

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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आज मुंबई में आयोजित एक चर्चा के दौरान वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव एवं सचिव व्यय डॉ टीवी सोमनाथन ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। आमतौर पर बैंक गारंटी ऋण देते समय मांगी जाती है। इसकी जरूरत गिरवी संपत्ति के तौर पर होती है। एक बीमा बांड भी गारंटी की ही तरह है, लेकिन इसके लिए किसी प्रकार के कोलैट्रल की आवश्यकता नहीं होती। मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुंबई दौरे का आज दूसरा दिन है। 

टीकाकरण की गति बढ़ने पर डॉ सोमनाथन ने कहा कि सरकार खरीद को लेकर बहुत सक्रिय है, यहां तक कि खरीद दिशानिर्देशों में ढील भी दी गई है। कुछ बाधा आपूर्ति पक्ष में थी, जिसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा, क्योंकि अब नए टीके उपलब्ध हैं। संबोधन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार संपत्ति सृजित करने वालों पर भरोसा करती है। 

सुनने, काम करने और जवाब देने में विश्वास रखती है सरकार 
इस दौरान वित्त मंत्री ने ‘भारत की अपनी इक्विटी पूंजी बनाने’ के लिए सरकार और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। सीतारमण ने इसकी भी पहचान करने पर जोर दिया कि कैसे उभरते क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स भारत के भविष्य को बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं तथा कैसे सरकार उन्हें इसमें मदद कर सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह सरकार सुनने, काम करने और जवाब देने में विश्वास रखती है और हरसंभव सहयोग देगी।

वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज ने उल्लेख किया कि राजस्व विभाग स्टार्ट-अप्स के कर संबंधी मुद्दों पर काम कर रहा है और इस पर उद्योग जगत से इनपुट मांगे गए हैं।

विस्तार

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आज मुंबई में आयोजित एक चर्चा के दौरान वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव एवं सचिव व्यय डॉ टीवी सोमनाथन ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में बीमा बांड लाने पर विचार कर रही है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। आमतौर पर बैंक गारंटी ऋण देते समय मांगी जाती है। इसकी जरूरत गिरवी संपत्ति के तौर पर होती है। एक बीमा बांड भी गारंटी की ही तरह है, लेकिन इसके लिए किसी प्रकार के कोलैट्रल की आवश्यकता नहीं होती। मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुंबई दौरे का आज दूसरा दिन है। 

टीकाकरण की गति बढ़ने पर डॉ सोमनाथन ने कहा कि सरकार खरीद को लेकर बहुत सक्रिय है, यहां तक कि खरीद दिशानिर्देशों में ढील भी दी गई है। कुछ बाधा आपूर्ति पक्ष में थी, जिसे जल्द ही दुरुस्त कर लिया जाएगा, क्योंकि अब नए टीके उपलब्ध हैं। संबोधन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार संपत्ति सृजित करने वालों पर भरोसा करती है। 

सुनने, काम करने और जवाब देने में विश्वास रखती है सरकार 

इस दौरान वित्त मंत्री ने ‘भारत की अपनी इक्विटी पूंजी बनाने’ के लिए सरकार और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया। सीतारमण ने इसकी भी पहचान करने पर जोर दिया कि कैसे उभरते क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स भारत के भविष्य को बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं तथा कैसे सरकार उन्हें इसमें मदद कर सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह सरकार सुनने, काम करने और जवाब देने में विश्वास रखती है और हरसंभव सहयोग देगी।

वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव श्री तरुण बजाज ने उल्लेख किया कि राजस्व विभाग स्टार्ट-अप्स के कर संबंधी मुद्दों पर काम कर रहा है और इस पर उद्योग जगत से इनपुट मांगे गए हैं।

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