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अफगानिस्तान : हक्कानी ने कहा- तालिबान ने अशरफ गनी व पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह को दी माफी

एजेंसी, काबुल
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 24 Aug 2021 03:40 AM IST

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तालिबान ने अफगानिस्तान के अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह को आम माफी दे दी है। तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर्रहमान हक्कानी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, हमने अशरफ गनी, अमरुल्ला सालेह और अफगान राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब को माफ कर दिया है।

काबुल में सुरक्षा प्रभारी हक्कानी एंड हक्कानी नेटवर्क के नेता ने कहा, हमने हमारे खिलाफ जंग लड़ने वाले जनरल से लेकर आम आदमी तक सभी को माफी दे दी है, वे अफगानिस्तान लौट सकते हैं।

बता दें दूसरी और अशरफ गनी के भाई ऐहशमत गनी अहमदजई ने तालिबान को समर्थन करने का एलान किया है। कुचिस की ग्रैंड काउंसिल के प्रमुख हशमत गनी अहमदजई ने तालिबान नेता खलील-उर-रहमान और धार्मिक विद्वान मुफ्ती महमूद जाकिर की उपस्थिति में तालिबान के लिए अपने समर्थन की घोषणा की। हशमत गनी का साथ मिलने से तालिबान की ताकत और बढ़ सकती है क्योंकि हशमत अफगानिस्तान के प्रभावशाली नेताओं में एक है।

वे वज़ीर कबीले की देखरेख करते हैं, जो सबसे बड़ी पश्तून जनजातियों में से एक है, जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा वज़ीरिस्तान में डूरंड लाइन के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में है। कहा जाता है कि अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति रहते हुए अशरफ गनी ने अपने भाई और एक अमेरिकी ठेकेदार को एक आकर्षक खनिज प्रसंस्करण का परमिट दिलाने में मदद की थी। उनके पास अमेरिका, दुबई, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अरबों की जमीनें है। 

विस्तार

तालिबान ने अफगानिस्तान के अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह को आम माफी दे दी है। तालिबान के वरिष्ठ नेता खलील उर्रहमान हक्कानी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, हमने अशरफ गनी, अमरुल्ला सालेह और अफगान राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब को माफ कर दिया है।

काबुल में सुरक्षा प्रभारी हक्कानी एंड हक्कानी नेटवर्क के नेता ने कहा, हमने हमारे खिलाफ जंग लड़ने वाले जनरल से लेकर आम आदमी तक सभी को माफी दे दी है, वे अफगानिस्तान लौट सकते हैं।

बता दें दूसरी और अशरफ गनी के भाई ऐहशमत गनी अहमदजई ने तालिबान को समर्थन करने का एलान किया है। कुचिस की ग्रैंड काउंसिल के प्रमुख हशमत गनी अहमदजई ने तालिबान नेता खलील-उर-रहमान और धार्मिक विद्वान मुफ्ती महमूद जाकिर की उपस्थिति में तालिबान के लिए अपने समर्थन की घोषणा की। हशमत गनी का साथ मिलने से तालिबान की ताकत और बढ़ सकती है क्योंकि हशमत अफगानिस्तान के प्रभावशाली नेताओं में एक है।

वे वज़ीर कबीले की देखरेख करते हैं, जो सबसे बड़ी पश्तून जनजातियों में से एक है, जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा वज़ीरिस्तान में डूरंड लाइन के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में है। कहा जाता है कि अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति रहते हुए अशरफ गनी ने अपने भाई और एक अमेरिकी ठेकेदार को एक आकर्षक खनिज प्रसंस्करण का परमिट दिलाने में मदद की थी। उनके पास अमेरिका, दुबई, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अरबों की जमीनें है। 

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