न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 10 Dec 2021 08:47 AM IST
सार
गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगरपालिका को यह फटकार याचिकाकर्ताओं की उस दलील के बाद लगाई, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके ठेलों और फेरी को बिना किसी आधिकारिक आदेश के जब्त कर लिया गया और वडोदरा, सूरज, भावनगर, जूनागढ़ और अहमदाबाद ने इस पूरे मामले में विरोधी रुख अपना रखा है।
अहमदाबाद नगरपालिका पर नॉनवेज खाना बेचने वालों के ठेले जब्त करने का आरोप।
– फोटो : ANI
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विस्तार
गुजरात हाईकोर्ट ने 25 फेरीवालों की याचिका को लेकर अहमदाबाद नगरपालिका (एएमसी) को फटकार लगाई है। दरअसल, नगरपालिका के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने एक स्थानीय पार्षद की शिकायत के बाद मांसाहारी (नॉनवेज) खाना बेचने वालों के ठेले जब्त कर लिए थे। इसी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने एएमसी को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि उसे जल्द से जल्द याचिकाकर्ताओं के सामान को वापस करना होगा।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव ने पूछा, “आखिर नगरपालिका को किस बात से परेशानी है?” सरकारी वकील को संबोधित करते हुए कोर्ट ने कहा, “आखिर आपकी समस्या क्या है? आपको मांसाहारी खाना नहीं पसंद, तो ये आपका नजरिया है। आखिर आप कैसे फैसला कर सकते हैं कि मैं बाहर क्या खाउंगा? क्या कल से आप ये भी फैसला करने लगेंगे कि मैं घर के बाहर क्या खाऊं? नगरपालिका के आयुक्त को तुरंत बुलाइए और उनसे पूछिए कि आखिर वे कर क्या रहे हैं? कल वे लोग कहेंगे कि मुझे गन्ने का जूस नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे डायबिटीज हो सकता है या कॉफी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए खराब है?”
गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगरपालिका को यह फटकार याचिकाकर्ताओं की उस दलील के बाद लगाई, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके ठेलों और फेरी को बिना किसी आधिकारिक आदेश के जब्त कर लिया गया और वडोदरा, सूरज, भावनगर, जूनागढ़ और अहमदाबाद ने इस पूरे मामले में विरोधी रुख अपना रखा है। पिछले महीने राजकोट के मेयर ने भी कहा था कि मांसाहारी खाना बेचने वाले धार्मिक भावनाओं को आहत करने का काम कर रहे हैं।