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यूपी: इस गांव की मिठाई का मुरीद है अंबानी परिवार, प्राइवेट हेलीकॉप्टर भेज मंगवाता रहा है मुंबई

सार

शाहजहांपुर के पास रोजा गांव में अनिल अंबानी का थर्मल पॉवर प्लांट है। यहां अंबानी परिवार कई बार आता-जाता रहा है।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच राज्य का एक छोटे सा गांव तिलहर अपनी मिठाई के लिए लोगों को लुभा रहा है। यहां वर्षों से दूध से बनने वाली एक खास मिठाई लौचा तैयार की जाती है। मध्यभारत के कलाकंद की तरह दूध को ओटा कर बनाई जाने वाली इस मिठाई की मुरीद उद्योग घराना अंबानी परिवार की बहू टीना अंबानी भी है। गाहे-बगाहे अंबानी बहू के लिए तिलहर से मिठाई मंगवाई जाती रही है। इस ख़ास मिठाई को लेने उनका निजी हेलीकॉप्टर गांव में लैंड करता रहा है। एक बार जब टीना अंबानी ने इस मिठाई को चखा तब से इस मिठाई को अपने घर मंगवाती रही है। कोरोना लॉकडॉउन के पहले भी मिठाई तिलहर से मुंबई के लिए उड़ान भर चुकी है। 

अमर उजाला से चर्चा में तिलहर स्थित आर्य मिष्ठान भंडार के संचालक सत्यप्रकार आर्य कहते है कि, दूध से बनी तिलहर की प्रसिद्ध लौज लखनऊ, बरेली से लेकर दिल्ली तक प्रसिद्ध है। दूरदराज के लोग जब तिलहर हाईवे से निकलते हैं तो वह लोग इस लौज मिठाई को खाना नहीं भूलते हैं। जहां तक अनिल अंबनी के परिवार को मिठाई भेजने की बात है तो ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। शाहजहांपुर के पास रोजा गांव में अनिल अंबानी का थर्मल पॉवर प्लांट है। यहां अंबानी परिवार कई बार आता-जाता रहा है। वर्षों पहले किसी मीटिंग या कार्यक्रम में हमारी दुकान से मिठाई उनके प्लांट में गई थी। उस वक्त टीना अंबनी को यह मिठाई बहुत पंसद आई थीं। इसके बाद से प्लांट और मुंबई में हमने कई बार मिठाई भेजी है। मिठाई लेने उनका प्राइवेट हेलीकॉप्टर उनके पवार प्लांट में आता था। हम केवल प्लांट तक मिठाई सप्लाई कर देते थे। फिल्हाल कोरोना के बाद से हमने मिठाई सप्लाई नहीं की है।

अंबनी परिवार खुद भेजता है शक़्कर
सत्यप्रकाश बताते हैं कि मिठाई के लिए शक़्कर समेत जरूरी डॉयफ्रूट खुद अंबानी परिवार भेजता था। फिर हमारे कारीगर इसे तैयार कर उनके लिए भेजते थे। उनके घर में होने वाले कुछ कार्यक्रमों में भी हमने 400 से 500 किलो तक लौचा मिठाई भेजी है। वही जब कभी वो या उनके परिवार का कोई पॉवर प्लांट आता रहा है तो तब भी विशेष तौर मिठाई को मंगवाई जाती रही है।

आर्य का कहना है कि ये मिठाई तिलहर की पहचान बन चुकी है। मेरे पिताजी सन 1960 में ठेके पर इसे बेचते थे। अब हम यूपी के कई बड़े शहरों तक इसे भेजते है। कई नेता, अफसर इसे पसंद करते है। लौचा को तैयार करने लिए भैंस का दूध इस्तेमाल किया जाता है। दूध में शक़्कर समेत जरूरी सामग्री डाल कर इसे तैयार किया जाता है।
 

विस्तार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच राज्य का एक छोटे सा गांव तिलहर अपनी मिठाई के लिए लोगों को लुभा रहा है। यहां वर्षों से दूध से बनने वाली एक खास मिठाई लौचा तैयार की जाती है। मध्यभारत के कलाकंद की तरह दूध को ओटा कर बनाई जाने वाली इस मिठाई की मुरीद उद्योग घराना अंबानी परिवार की बहू टीना अंबानी भी है। गाहे-बगाहे अंबानी बहू के लिए तिलहर से मिठाई मंगवाई जाती रही है। इस ख़ास मिठाई को लेने उनका निजी हेलीकॉप्टर गांव में लैंड करता रहा है। एक बार जब टीना अंबानी ने इस मिठाई को चखा तब से इस मिठाई को अपने घर मंगवाती रही है। कोरोना लॉकडॉउन के पहले भी मिठाई तिलहर से मुंबई के लिए उड़ान भर चुकी है। 

अमर उजाला से चर्चा में तिलहर स्थित आर्य मिष्ठान भंडार के संचालक सत्यप्रकार आर्य कहते है कि, दूध से बनी तिलहर की प्रसिद्ध लौज लखनऊ, बरेली से लेकर दिल्ली तक प्रसिद्ध है। दूरदराज के लोग जब तिलहर हाईवे से निकलते हैं तो वह लोग इस लौज मिठाई को खाना नहीं भूलते हैं। जहां तक अनिल अंबनी के परिवार को मिठाई भेजने की बात है तो ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। शाहजहांपुर के पास रोजा गांव में अनिल अंबानी का थर्मल पॉवर प्लांट है। यहां अंबानी परिवार कई बार आता-जाता रहा है। वर्षों पहले किसी मीटिंग या कार्यक्रम में हमारी दुकान से मिठाई उनके प्लांट में गई थी। उस वक्त टीना अंबनी को यह मिठाई बहुत पंसद आई थीं। इसके बाद से प्लांट और मुंबई में हमने कई बार मिठाई भेजी है। मिठाई लेने उनका प्राइवेट हेलीकॉप्टर उनके पवार प्लांट में आता था। हम केवल प्लांट तक मिठाई सप्लाई कर देते थे। फिल्हाल कोरोना के बाद से हमने मिठाई सप्लाई नहीं की है।

अंबनी परिवार खुद भेजता है शक़्कर

सत्यप्रकाश बताते हैं कि मिठाई के लिए शक़्कर समेत जरूरी डॉयफ्रूट खुद अंबानी परिवार भेजता था। फिर हमारे कारीगर इसे तैयार कर उनके लिए भेजते थे। उनके घर में होने वाले कुछ कार्यक्रमों में भी हमने 400 से 500 किलो तक लौचा मिठाई भेजी है। वही जब कभी वो या उनके परिवार का कोई पॉवर प्लांट आता रहा है तो तब भी विशेष तौर मिठाई को मंगवाई जाती रही है।

आर्य का कहना है कि ये मिठाई तिलहर की पहचान बन चुकी है। मेरे पिताजी सन 1960 में ठेके पर इसे बेचते थे। अब हम यूपी के कई बड़े शहरों तक इसे भेजते है। कई नेता, अफसर इसे पसंद करते है। लौचा को तैयार करने लिए भैंस का दूध इस्तेमाल किया जाता है। दूध में शक़्कर समेत जरूरी सामग्री डाल कर इसे तैयार किया जाता है।

 

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