एपी, बीजिंग
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Sat, 26 Feb 2022 12:52 PM IST
सार
फिलहाल तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार रूस की मदद को लेकर कोई संकेत नहीं दे रही है। वह नहीं अपने लिए अमेरिका व यूरोप का बड़ा बाजार बंद कराना पसंद नहीं करेगी।
यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर 30 से ज्यादा देशों ने पाबंदियां लगा दी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रूस जंग के बाद इन पाबंदियों से कैसे निपटेगा? क्या रूस का एकमात्र मित्र चीन उसकी मदद करेगा? क्या चीन अमेरिका व यूरोप के द्वार अपने लिए भी बंद होने की जोखिम लेगा?
फिलहाल तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार रूस की मदद को लेकर कोई संकेत नहीं दे रही है। वह नहीं अपने लिए अमेरिका व यूरोप का बड़ा बाजार बंद कराना पसंद नहीं करेगी। यदि बीजिंग चाहे कि वह रूस से ज्यादा गैस व सामान का आयात कर पुतिन की मदद करे, तो इसकी भी संभावना बहुत कम है। 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद से मास्को के साथ चीन के संबंध गर्मजोशी के हैं। इसकी वजह अमेरिका के प्रति दोनों की नाराजगी एक समान है।
रूस व चीन के बीच हितों का टकराव भी हो सकता है, भले ही दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त अभ्यास करती हैं, लेकिन पुतिन मध्य एशिया और रूस के सुदूर पूर्व में बढ़ती चीनी आर्थिक गतिविधियों को लेकर असहज हैं। शंघाई यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान व कानून के विशेषज्ञ ली जिन का कहना है कि चीन रूस संबंध वर्तमान में इतिहास के शीर्ष मजबूत स्तर पर हैं, लेकिन दोनों में संतुलन नहीं है।
विस्तार
यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर 30 से ज्यादा देशों ने पाबंदियां लगा दी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रूस जंग के बाद इन पाबंदियों से कैसे निपटेगा? क्या रूस का एकमात्र मित्र चीन उसकी मदद करेगा? क्या चीन अमेरिका व यूरोप के द्वार अपने लिए भी बंद होने की जोखिम लेगा?
फिलहाल तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार रूस की मदद को लेकर कोई संकेत नहीं दे रही है। वह नहीं अपने लिए अमेरिका व यूरोप का बड़ा बाजार बंद कराना पसंद नहीं करेगी। यदि बीजिंग चाहे कि वह रूस से ज्यादा गैस व सामान का आयात कर पुतिन की मदद करे, तो इसकी भी संभावना बहुत कम है। 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद से मास्को के साथ चीन के संबंध गर्मजोशी के हैं। इसकी वजह अमेरिका के प्रति दोनों की नाराजगी एक समान है।
रूस व चीन के बीच हितों का टकराव भी हो सकता है, भले ही दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त अभ्यास करती हैं, लेकिन पुतिन मध्य एशिया और रूस के सुदूर पूर्व में बढ़ती चीनी आर्थिक गतिविधियों को लेकर असहज हैं। शंघाई यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान व कानून के विशेषज्ञ ली जिन का कहना है कि चीन रूस संबंध वर्तमान में इतिहास के शीर्ष मजबूत स्तर पर हैं, लेकिन दोनों में संतुलन नहीं है।
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