वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sat, 26 Feb 2022 10:19 PM IST
सार
कीव के रक्षा मंत्रालय के अनुसार रूस अभी तक अपने लगभग 2800 सैनिक, 80 टैंक, 516 बख्तरबंद वाहन, 10 विमान और सात हेलिकॉप्टर खो चुका है।
यूक्रेन के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जंग योजना के अनुसार नहीं चल रही है। यूनाइटेड किंगडम (यूके) के खुफिया सूत्रों ने दावा किया है कि ऐसा क्रेमलिन को अति आत्मविश्वास, खराब रणनीतिक योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहादुर यूक्रेनियों के प्रतिरोध के चलते है। गुरुवार को शुरू हुई लड़ाई के तीसरे दिन यानी शनिवार को सामने आए एक वीडियो में नष्ट कर दिया गया एक रूसी काफिला दिखा है। यूक्रेन की सेना ने राजधानी कीव पर नियंत्रण बनाए रखा है और बीती रात उन्होंने सफलतापूर्वक रूसी सेना को जवाब दिया था।
वहीं, एस्तोनिया के पूर्व रक्षा प्रमुख रिहो टेरस ने भी दावा किया है कि पुतिन का युद्ध योजना के अनुसार नहीं चल रहा है क्योंकि रूस की पूंजी और हथियार तेजी से खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन ने 10 और दिनों तक कीव को रूस से बचाए रखा तो पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए विवश होना पड़ेगा। इसके साथ ही यूक्रेन के खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए टेरस ने कहा कि इस युद्ध से रूस को रोज 1500 करोड़ यूरो (लगभग 1508 अरब 72 करोड़ 49 लाख 96 हजार रुपये) खर्च करने पड़ रहे हैं।
टेरस ने कहा, रूस के पास तीन से चार दिन के ही रॉकेट बचे हैं और वह उनका इस्तेमाल बेधड़क कर रहा है। टेरास ने यह भी आरोप लगाया कि 18 फरवरी से रूसी विशेष अभियान कीव के पास हैं, और उन्होंने राजधानी को तेजी से जब्त करने और कठपुतली शासन स्थापित करने की योजना बनाई थी। बता दें कि पुतिन ने कथित तौर पर उराल माउंटेंस में रूस के कुलीन वर्ग के साथ एक बंकर में बैठक की थी। दावा किया जा रहा है यहां पुतिन ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि युद्ध आसान होगा और सब कुछ एक से चार दिन के अंदर निपट जाएगा।
एक ट्वीट में टेरस ने लिखा, ‘रूसी सेना को जिस तरह का प्रतिरोध देखने को मिला है उससे वह हैरत में हैं। यूक्रेनियों को अफरा-तफरी की स्थिति से बचना चाहिए… उन्हें हर हालत में मजबूत रहना होगा और हमें उन्हें सहयोग उपलब्ध कराना होगा।’ हालांकि, पिछले तीन दिन में रूसी सेना ने यूक्रेन पर चार तरफ से हमला कर उसकी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया है। हालांकि, राजधानी कीव अभी तक रूसी सेना के कब्जे से दूर रही थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी ये चिंता जताई है कि कीव पर रूसी सेना के कब्जे का खतरा मंडरा रहा है।
विस्तार
यूक्रेन के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जंग योजना के अनुसार नहीं चल रही है। यूनाइटेड किंगडम (यूके) के खुफिया सूत्रों ने दावा किया है कि ऐसा क्रेमलिन को अति आत्मविश्वास, खराब रणनीतिक योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहादुर यूक्रेनियों के प्रतिरोध के चलते है। गुरुवार को शुरू हुई लड़ाई के तीसरे दिन यानी शनिवार को सामने आए एक वीडियो में नष्ट कर दिया गया एक रूसी काफिला दिखा है। यूक्रेन की सेना ने राजधानी कीव पर नियंत्रण बनाए रखा है और बीती रात उन्होंने सफलतापूर्वक रूसी सेना को जवाब दिया था।
वहीं, एस्तोनिया के पूर्व रक्षा प्रमुख रिहो टेरस ने भी दावा किया है कि पुतिन का युद्ध योजना के अनुसार नहीं चल रहा है क्योंकि रूस की पूंजी और हथियार तेजी से खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन ने 10 और दिनों तक कीव को रूस से बचाए रखा तो पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लिए विवश होना पड़ेगा। इसके साथ ही यूक्रेन के खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए टेरस ने कहा कि इस युद्ध से रूस को रोज 1500 करोड़ यूरो (लगभग 1508 अरब 72 करोड़ 49 लाख 96 हजार रुपये) खर्च करने पड़ रहे हैं।
टेरस ने कहा, रूस के पास तीन से चार दिन के ही रॉकेट बचे हैं और वह उनका इस्तेमाल बेधड़क कर रहा है। टेरास ने यह भी आरोप लगाया कि 18 फरवरी से रूसी विशेष अभियान कीव के पास हैं, और उन्होंने राजधानी को तेजी से जब्त करने और कठपुतली शासन स्थापित करने की योजना बनाई थी। बता दें कि पुतिन ने कथित तौर पर उराल माउंटेंस में रूस के कुलीन वर्ग के साथ एक बंकर में बैठक की थी। दावा किया जा रहा है यहां पुतिन ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि युद्ध आसान होगा और सब कुछ एक से चार दिन के अंदर निपट जाएगा।
एक ट्वीट में टेरस ने लिखा, ‘रूसी सेना को जिस तरह का प्रतिरोध देखने को मिला है उससे वह हैरत में हैं। यूक्रेनियों को अफरा-तफरी की स्थिति से बचना चाहिए… उन्हें हर हालत में मजबूत रहना होगा और हमें उन्हें सहयोग उपलब्ध कराना होगा।’ हालांकि, पिछले तीन दिन में रूसी सेना ने यूक्रेन पर चार तरफ से हमला कर उसकी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया है। हालांकि, राजधानी कीव अभी तक रूसी सेना के कब्जे से दूर रही थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी ये चिंता जताई है कि कीव पर रूसी सेना के कब्जे का खतरा मंडरा रहा है।
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