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यूक्रेन संकट: एसबीआई ने प्रतिबंध के डर से रूसी संस्थाओं से लेनदेन रोका, बैंकों, बंदरगाहों और जहाजों से नहीं होगा कोई लेनदेन

यूक्रेन संकट: एसबीआई ने प्रतिबंध के डर से रूसी संस्थाओं से लेनदेन रोका, बैंकों, बंदरगाहों और जहाजों से नहीं होगा कोई लेनदेन

यूक्रेन पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद एसबीआई ने उन सभी रूसी संस्थाओं से लेनदेन बंद कर दिया है, जिन पर पाबंदियां लगाई गई हैं। एसबीआई ने इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया है।

सूत्रों का कहना है कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक को डर है कि इन संस्थाओं से लेनदेन पर पश्चिमी देश उस पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। बीते सप्ताह अमेरिका समेत दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। 

सर्कुलर में कहा गया है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र की ओर से जिन कंपनियों, बैंकों, बंदरगाहों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनके साथ किसी भी तरह का लेनदेन नहीं किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि प्रतिबंधित संस्थाओं की बकाया राशि का भुगतान बैंकिंग माध्यम के बजाय अन्य व्यवस्था के जरिये किया जाएगा। एसबीआई रूस के मॉस्को में कमर्शियल इंडो बैंक नाम से संयुक्त उद्यम चलाता है। इसमें केनरा बैंक की भी 40 फीसदी हिस्सेदारी है। एसबीआई ने इस मामले को लेकर भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं दिया है। इससे पहले ईरान पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाई गई पाबंदियों के बाद भी भारत ने ऐसा ही फैसला लिया था। 

भारत के लिए रूस रक्षा उत्पादों और उपकरणों के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में एक है, जो सरकार-से-सरकार अनुबंध के तहत है। दोनों देशों के बीच चालू वित्त वर्ष में अब तक 9.4 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ है, जो 2020-21 में 8.1 अरब डॉलर था। 

-रूस से आयात : भारत मुख्य रूप से रूस से ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्द्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिकी उपकरण शामिल हैं। 

-भारत से निर्यात : रूस को फार्मास्युटिकल उत्पाद, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, जैविक रसायन और वाहनों का निर्यात किया जाता है।

वैश्विक व्यापार से अलग करने की तैयारी

यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ दंडात्मक प्रतिबंध लगाए हैं। उन्होंने स्विफ्ट इंटर-बैंकिंग सिस्टम से रूसी बैंकों को हटाने का भी फैसला किया है। इसका उद्देश्य रूस को वैश्विक व्यापार से अलग-थलग करना है। भारत ने अब तक इस मामले में तटस्थ रुख बनाए रखा है। दोनों देशों से इस मुद्दे को कूटनीतिक रूप से हल करने की अपील की है। 

भारतीय निर्यातकों को बैंक गारंटी दे सकती है सरकार

मॉस्को पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद नकदी संकट से जूझ रहे भारतीय निर्यातकों की मदद के लिए सरकार साख पत्रों और आसान कर्ज के लिए गारंटी देने पर विचार कर रही है।

मामले से जुड़े दो सूत्रों ने कहा कि रूस से आयात बिल बाउंस होने और निर्यात के लिए भुगतान अटक जाने के बाद से भारतीय बैंक हाथ-पांव मार रहे हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारतीय निर्यातकों पर रूस का करीब 50 करोड़ डॉलर का बकाया है। ऐसे में भारतीय निर्यातकों की मदद के लिए सरकार उन्हें आसान बैंक कर्ज दिलाने के लिए गारंटी दे सकती है। 

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