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यूक्रेन जंग: बेलारूस भेज सकता है रूस की मदद के लिए सेना, अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 28 Feb 2022 12:34 PM IST

सार

पूर्ववर्ती सोवियत संघ का सदस्य देश बेलारूस यूक्रेन पर हमले के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। अब तक उसने सीधे तौर पर जंग में भाग नहीं लिया है। वह रूसी सैनिकों की परोक्ष रूप से मदद कर रहा है। 

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रूस की मदद के लिए पड़ोसी देश बेलारूस यूक्रेन में अपनी सेना भेज सकता है। सोमवार को एक शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी। 

पूर्ववर्ती सोवियत संघ का सदस्य देश बेलारूस यूक्रेन पर हमले के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। अब तक उसने सीधे तौर पर जंग में भाग नहीं लिया है। वह रूसी सैनिकों की परोक्ष रूप से मदद कर रहा है। बेलारूस रूस व यूक्रेन के बीच वार्ता का तटस्थ मददगार भी है। 

रूसी दल पहुंचा गोमेल, यूक्रेन के दल का इंतजार
उधर, वार्ता के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल आज सुबह गोमेल शहर पहुंच गया और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की प्रतीक्षा कर रहा है। यूक्रेन रविवार को रूस के साथ वार्ता करने पर सहमत हुआ। अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा यूक्रेन जंग के  आकलन करने के लिए तैनात दल से जुड़े इस अज्ञात अधिकारी ने कहा कि बेलारूस द्वारा सेना भेजने का निर्णय इस वार्ता के नतीजों पर ही निर्भर करेगा। 

हालांकि रूस ने बातचीत से पहले हमलों की रफ्तार धीमी कर दी है। यूक्रेन ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए सबसे कठिन होने वाले हैं। वहीं जी-7 नेताओं ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ लड़ाई में सभी देश यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे। रूसी हमलों में यूक्रेन के 352 आम नागरिकों की मौत हुई है। 

यूक्रेन की राजधानी कीव में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। छात्रों से कहा गया है कि, सुरक्षित निकासी के लिए विशेष ट्रेनें तैयार की गई हैं। इनके माध्यम से सभी छात्रा यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में शरण ले लें, जिससे उनकी निकासी की व्यवस्था की जा सके। दरअसल, यूक्रेन के पश्चिमी शहर रूसी आक्रमण से प्रभावित नहीं हैं। 
 

विस्तार

रूस की मदद के लिए पड़ोसी देश बेलारूस यूक्रेन में अपनी सेना भेज सकता है। सोमवार को एक शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी। 

पूर्ववर्ती सोवियत संघ का सदस्य देश बेलारूस यूक्रेन पर हमले के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। अब तक उसने सीधे तौर पर जंग में भाग नहीं लिया है। वह रूसी सैनिकों की परोक्ष रूप से मदद कर रहा है। बेलारूस रूस व यूक्रेन के बीच वार्ता का तटस्थ मददगार भी है। 

रूसी दल पहुंचा गोमेल, यूक्रेन के दल का इंतजार

उधर, वार्ता के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल आज सुबह गोमेल शहर पहुंच गया और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की प्रतीक्षा कर रहा है। यूक्रेन रविवार को रूस के साथ वार्ता करने पर सहमत हुआ। अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा यूक्रेन जंग के  आकलन करने के लिए तैनात दल से जुड़े इस अज्ञात अधिकारी ने कहा कि बेलारूस द्वारा सेना भेजने का निर्णय इस वार्ता के नतीजों पर ही निर्भर करेगा। 

हालांकि रूस ने बातचीत से पहले हमलों की रफ्तार धीमी कर दी है। यूक्रेन ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए सबसे कठिन होने वाले हैं। वहीं जी-7 नेताओं ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ लड़ाई में सभी देश यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे। रूसी हमलों में यूक्रेन के 352 आम नागरिकों की मौत हुई है। 

यूक्रेन की राजधानी कीव में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। छात्रों से कहा गया है कि, सुरक्षित निकासी के लिए विशेष ट्रेनें तैयार की गई हैं। इनके माध्यम से सभी छात्रा यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में शरण ले लें, जिससे उनकी निकासी की व्यवस्था की जा सके। दरअसल, यूक्रेन के पश्चिमी शहर रूसी आक्रमण से प्रभावित नहीं हैं। 

 

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