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यूक्रेन को लेकर यूएनएससी की आपात बैठक: भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति बोले- भारत लगातार बिगड़ते हालात को लेकर चिंतित

एएनआई, न्यूयॉर्क
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 18 Mar 2022 03:40 AM IST

सार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को पूरा करने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का भारत ने समर्थन किया है। यूएन में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में सामने आ रही गंभीर मानवीय स्थिति के अनुरूप, भारत आने वाले दिनों में और आपूर्ति भेजने की प्रक्रिया में है।

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रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 22वें दिन (गुरुवार) को छह देशों ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपातकालीन बैठक की। यूएनएससी की आपातकालीन बैठक गुरुवार दोपहर तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू हुई। यह बैठक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, अल्बानिया, आयरलैंड और नॉर्वे की ओर से बुलाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को पूरा करने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का भारत ने समर्थन किया है। यूएनएससी में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा, “यूक्रेन में नागरिकों की मौत के कारण बिगड़ती स्थिति पर भारत अभी भी चिंतित है, हजारों लोगों का विस्थापन हो चुका है। प्रभावित आबादी की मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता है। हम संयुक्त राष्ट्र की पहल का समर्थन करते हैं।”

भारत आने वाले दिनों में यूक्रेन को और सहायता भेजेगा: टीएस तिरुमूर्ति
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि “यूक्रेन में सामने आ रही गंभीर मानवीय स्थिति के अनुरूप, भारत आने वाले दिनों में और आपूर्ति भेजने की प्रक्रिया में है। हम पहले ही दवाओं, राहत सहायता सहित 90 टन से अधिक मानवीय आपूर्ति भेज चुके हैं।

भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए यूक्रेनी अधिकारियों और पड़ोसी देशों की सराहना की
टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि “हमने यूक्रेन से लगभग 22,500 भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। साथ ही 18 अन्य देशों के नागरिकों की सहायता की है। हम यूक्रेन के अधिकारियों और उसके पड़ोसी देशों द्वारा उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में दी गई सुविधा की सराहना करते हैं।

भारत ने रूस से शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया
तिरुमूर्ति ने भारत की अपील को दोहराते हुए कहा कि “हम दोनों देशों से शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर इसे दोहराया है और तत्काल युद्धविराम, बातचीत और कूटनीति के मार्ग का आह्वान किया है।

विस्तार

रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 22वें दिन (गुरुवार) को छह देशों ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपातकालीन बैठक की। यूएनएससी की आपातकालीन बैठक गुरुवार दोपहर तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू हुई। यह बैठक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, अल्बानिया, आयरलैंड और नॉर्वे की ओर से बुलाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने सभी देशों से यूक्रेन में मानवीय जरूरतों को पूरा करने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का भारत ने समर्थन किया है। यूएनएससी में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा, “यूक्रेन में नागरिकों की मौत के कारण बिगड़ती स्थिति पर भारत अभी भी चिंतित है, हजारों लोगों का विस्थापन हो चुका है। प्रभावित आबादी की मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता है। हम संयुक्त राष्ट्र की पहल का समर्थन करते हैं।”

भारत आने वाले दिनों में यूक्रेन को और सहायता भेजेगा: टीएस तिरुमूर्ति

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि “यूक्रेन में सामने आ रही गंभीर मानवीय स्थिति के अनुरूप, भारत आने वाले दिनों में और आपूर्ति भेजने की प्रक्रिया में है। हम पहले ही दवाओं, राहत सहायता सहित 90 टन से अधिक मानवीय आपूर्ति भेज चुके हैं।

भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए यूक्रेनी अधिकारियों और पड़ोसी देशों की सराहना की

टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि “हमने यूक्रेन से लगभग 22,500 भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। साथ ही 18 अन्य देशों के नागरिकों की सहायता की है। हम यूक्रेन के अधिकारियों और उसके पड़ोसी देशों द्वारा उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में दी गई सुविधा की सराहना करते हैं।

भारत ने रूस से शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया

तिरुमूर्ति ने भारत की अपील को दोहराते हुए कहा कि “हम दोनों देशों से शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर इसे दोहराया है और तत्काल युद्धविराम, बातचीत और कूटनीति के मार्ग का आह्वान किया है।

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