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यूं बचाई जान: कोरोना संक्रमित को होश में लाने के लिए देना पड़ा 'वियाग्रा', 45 दिनों बाद कोमा से लौटी नर्स

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 03 Jan 2022 08:34 AM IST

सार

इंग्लैंड के गेन्सबरो लिंकनशायर की नागरिक एक कोरोना संक्रमित नर्स करीब डेढ़ महीने से कोमा में थीं और वह बेहोश थीं। लेकिन वियाग्रा देने के बाद उन्हें होश आ गया।

नर्स मोनिका अल्मेडा
– फोटो : Monica Almeida

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जानलेवा वायरस कोरोना के कारण कोमा में चली गई एक महिला नर्स के लिए वियाग्रा ने संजीवनी का काम किया। दरअसल पेशे से नर्स 37 वर्षीय मोनिका अल्मेडा 45 दिनों से कोमा में थीं और उन्हें होश नहीं आ रहा था लेकिन जैसे ही उसे वियाग्रा की खुराक दी गई वैसे ही कुछ देर बाद उन्हें होश आ गया। वियाग्रा देने का आइडिया मोनिका की सहकर्मियों का था। 

जानें क्या है मामला
दरअसल, ‘द सन’ में छपी एक खबर के मुताबिक मोनिका नाम की नर्स एनएचएस लिंकनशायर में कोरोना के मरीजों का लगातार इलाज कर रही थीं। उन्हें इसी दौरान अक्तूबर में कोरोना की चपेट में आ गईं। उनकी धीरे-धीरे तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी। और खून की उल्टियां भी होने लगीं। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अपना इलाज करवाया। वहां से उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर मोनिका को सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी। जिसके बाद वह  फिर से अस्पताल चली गईं। वहां उनका इलाज शुरू किया गया। लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। 16 नवंबर को वह कोमा में ही चली गईं।  

हार-थककर डॉक्टरों ने वियाग्रा की हेवी डोज देने का फैसला लिया
इसके बाद डॉक्टरों ने काफी प्रयास किया लेकिन वह होश में नहीं आ पा रही थीं। हार-थक कर मोनिका के सहयोगियों ने उन्हें वियाग्रा की हेवी डोज देने का फैसला लिया और यह चमत्कार कर दिया। वियाग्रा की खुराक देने के कुछ देर बाद ही वह होश में आ गईं।

वियाग्रा देने की बात नर्स को लगा मजाक
इंग्लैंड के गेन्सबरो लिंकनशायर की रहने वाली नर्स मोनिका ने बताया कि जब मैं कोमा से बाहर आई तो मुझे डॉक्टर ने बताया कि मेरी जान वियाग्रा ने बचाई है। पहले मुझे ये सब मजाक लगा। लेकिन उन्होंने कहा कि सच में मुझे वियाग्रा की हेवी डोज दी गई है।

विस्तार

जानलेवा वायरस कोरोना के कारण कोमा में चली गई एक महिला नर्स के लिए वियाग्रा ने संजीवनी का काम किया। दरअसल पेशे से नर्स 37 वर्षीय मोनिका अल्मेडा 45 दिनों से कोमा में थीं और उन्हें होश नहीं आ रहा था लेकिन जैसे ही उसे वियाग्रा की खुराक दी गई वैसे ही कुछ देर बाद उन्हें होश आ गया। वियाग्रा देने का आइडिया मोनिका की सहकर्मियों का था। 

जानें क्या है मामला

दरअसल, ‘द सन’ में छपी एक खबर के मुताबिक मोनिका नाम की नर्स एनएचएस लिंकनशायर में कोरोना के मरीजों का लगातार इलाज कर रही थीं। उन्हें इसी दौरान अक्तूबर में कोरोना की चपेट में आ गईं। उनकी धीरे-धीरे तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी। और खून की उल्टियां भी होने लगीं। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में अपना इलाज करवाया। वहां से उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज भी कर दिया गया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर मोनिका को सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी। जिसके बाद वह  फिर से अस्पताल चली गईं। वहां उनका इलाज शुरू किया गया। लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। 16 नवंबर को वह कोमा में ही चली गईं।  

हार-थककर डॉक्टरों ने वियाग्रा की हेवी डोज देने का फैसला लिया

इसके बाद डॉक्टरों ने काफी प्रयास किया लेकिन वह होश में नहीं आ पा रही थीं। हार-थक कर मोनिका के सहयोगियों ने उन्हें वियाग्रा की हेवी डोज देने का फैसला लिया और यह चमत्कार कर दिया। वियाग्रा की खुराक देने के कुछ देर बाद ही वह होश में आ गईं।

वियाग्रा देने की बात नर्स को लगा मजाक

इंग्लैंड के गेन्सबरो लिंकनशायर की रहने वाली नर्स मोनिका ने बताया कि जब मैं कोमा से बाहर आई तो मुझे डॉक्टर ने बताया कि मेरी जान वियाग्रा ने बचाई है। पहले मुझे ये सब मजाक लगा। लेकिन उन्होंने कहा कि सच में मुझे वियाग्रा की हेवी डोज दी गई है।

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