टेक डेस्क, अमर उजाला, मास्को/कीव
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Tue, 22 Mar 2022 12:57 PM IST
सार
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रूस में ही रूस की सेना के खिलाफ प्रचार करने का आरोप है
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विस्तार
इन दोनों कंपनियों पर आरोप था कि ये अपने प्लेटफार्म पर यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाइयों के बारे में फर्जी खबरों को रोकने में नाकाम हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रूस में ही रूस की सेना के खिलाफ प्रचार करने का आरोप है
फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा मेटा-स्वामित्व वाली मैसेजिंग सेवा व्हाट्सएप पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। बता दें कि व्हाट्सएप का इस्तेमाल रूस में बड़े स्तर पर होता है। बता दें कि क्रेमलिन-नियंत्रित संसद ने 4 मार्च को एक नया कानून पास किया है जिसके तहत सेना के बारे में गलत जानकारी पोस्ट करने के लिए 15 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
कोर्ट के आदेश से पहले सरकार ने लगाया है बैन
इससे पहले पिछले सप्ताह रूस की सरकार ने मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम एप पर बैन लगाया है। इंस्टाग्राम से पहले रूस में फेसबुक पर भी बैन लग चुका है। फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा रूस में टिकटॉक पर भी आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा है यानी TikTok के यूजर्स पहले से अपलोडेड वीडियो देख तो सकते हैं लेकिन नया वीडियो अपलोड नहीं कर सकते, हालांकि रूस में अभी YouTube, Whatsapp और Telegram जैसे एप्स का इस्तेमाल हो रहा है।
बैन के बीच VPN बना बड़ा हथियार
दुनिया की तमाम सरकारों की तरह रूस ने भी सोशल मीडिया पर बैन लगाया है लेकिन जिस तरह दुनिया के अन्य देशों के लोग बैन के बीच सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह रूस के लोग भी कर रहे हैं। किसी भी साइट पर बैन के बाद वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी VPN की मांग बढ़ जाती है और रूस में भी यही हुआ है। आपको बता दें कि चीन और भारत समेत दुनिया के कई देशों में VPN का इस्तेमाल बड़े स्तर पर होता है। बैन के बाद रूस में VPN की मांग 668% फीसदी तक बढ़ गई है।