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याहू का बड़ा फैसला : व्यावसायिक व विधिक चुनौतियों का हवाला देकर चीन में अपनी सेवाएं बंद करने की घोषणा की

एजेंसी, शंघाई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 03 Nov 2021 02:04 AM IST

सार

याहू के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक ईमेल में रॉयटर्स को बताया कि चीन में बढ़ती व्यापारिक चुनौतियों और खराब होते कानूनी माहौल के चलते याहू ने चीन को अलविदा कह दिया है। हालांकि, याहू उपयोगकर्ताओं के अधिकारों और मुक्त व खुले इंटरनेट के लिए प्रतिबद्ध है।

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याहू ने व्यावसायिक व विधिक चुनौतियों के चलते चीन में अपनी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के मुताबिक एक नवंबर से कंपनी ने चीन में उपयोगकर्ताओं के लिए सेवाएं बंद कर दी हैं।

इससे पहले पिछले माह माइक्रोसॉफ्ट ने लिंक्डिइन की सेवाएं कर दी थीं बंद
वहीं, याहू के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक ईमेल में रॉयटर्स को बताया कि चीन में बढ़ती व्यापारिक चुनौतियों और खराब होते कानूनी माहौल के चलते याहू ने चीन को अलविदा कह दिया है। हालांकि, याहू उपयोगकर्ताओं के अधिकारों और मुक्त व खुले इंटरनेट के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले बीते माह माइक्रोसॉफ्ट ने चीन में लिंक्डइन की सेवाएं बंद कर दी थीं। लिंक्डइन ने भी चीन में चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण और अत्यधिक अनुपालन आवश्यकताओं को छोड़ने की वजह बताया था।

याहू  ने 1998 में चीन में सेवाएं शुरू की थीं और 2012 में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के साथ हिस्सेदारी बेचने का सौदा किया था। इस सौदे में अलीबाबा को चीन में याहू को चार साल तक संचालित करने का अधिकार  मिला था। इससे पहले याहू ने बीजिंग में अपने वैश्विक अनुसंधान और विकास केंद्र को 2015 में बंद कर दिया था।

चीन ने इंटरनेट कंपनियों पर सामग्री और ग्राहक गोपनीयता के संबंध में नए कानूनों के तहत कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। सोमवार को ही चीन में ऑनलाइन उपयोगकर्ता डेटा गोपनीयता की रक्षा के लिए बनाया गए व्यक्तिगत सूचना संरक्षण कानून को लागू किया गया है, जिसके चलते याहू को चीन छोड़ना पड़ा।

इससे पहले मई में वेरिजोन कम्युनिकेशंस ने याहू और उसके अन्य मीडिया व्यवसायों को निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल को पांच अरब डॉलर में बेच दिया था। इस सौदे के तहत तकनीकी ब्लॉग एनगैजेट की वेबसाइट भी बेची गई थी, जो मंगलवार से चीन में बंद हो गई।

विस्तार

याहू ने व्यावसायिक व विधिक चुनौतियों के चलते चीन में अपनी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के मुताबिक एक नवंबर से कंपनी ने चीन में उपयोगकर्ताओं के लिए सेवाएं बंद कर दी हैं।

इससे पहले पिछले माह माइक्रोसॉफ्ट ने लिंक्डिइन की सेवाएं कर दी थीं बंद

वहीं, याहू के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक ईमेल में रॉयटर्स को बताया कि चीन में बढ़ती व्यापारिक चुनौतियों और खराब होते कानूनी माहौल के चलते याहू ने चीन को अलविदा कह दिया है। हालांकि, याहू उपयोगकर्ताओं के अधिकारों और मुक्त व खुले इंटरनेट के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले बीते माह माइक्रोसॉफ्ट ने चीन में लिंक्डइन की सेवाएं बंद कर दी थीं। लिंक्डइन ने भी चीन में चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण और अत्यधिक अनुपालन आवश्यकताओं को छोड़ने की वजह बताया था।

याहू  ने 1998 में चीन में सेवाएं शुरू की थीं और 2012 में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के साथ हिस्सेदारी बेचने का सौदा किया था। इस सौदे में अलीबाबा को चीन में याहू को चार साल तक संचालित करने का अधिकार  मिला था। इससे पहले याहू ने बीजिंग में अपने वैश्विक अनुसंधान और विकास केंद्र को 2015 में बंद कर दिया था।

चीन ने इंटरनेट कंपनियों पर सामग्री और ग्राहक गोपनीयता के संबंध में नए कानूनों के तहत कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। सोमवार को ही चीन में ऑनलाइन उपयोगकर्ता डेटा गोपनीयता की रक्षा के लिए बनाया गए व्यक्तिगत सूचना संरक्षण कानून को लागू किया गया है, जिसके चलते याहू को चीन छोड़ना पड़ा।

इससे पहले मई में वेरिजोन कम्युनिकेशंस ने याहू और उसके अन्य मीडिया व्यवसायों को निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल को पांच अरब डॉलर में बेच दिया था। इस सौदे के तहत तकनीकी ब्लॉग एनगैजेट की वेबसाइट भी बेची गई थी, जो मंगलवार से चीन में बंद हो गई।

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