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मुख्यमंत्रियों की बीमारी के किस्से: उद्धव से पहले भी कई सीएम चर्चा में रहे, कोई भूलने तो कोई सोने के लिए सुर्खियों में रहा

सार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सेहत को लेकर सियासत तेज हो गई है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि जब तक उद्धव ठीक नहीं हो जाते, उन्हें अपना कामकाज बेटे, पत्नी या किसी करीबी को सौंप देना चाहिए। वहीं, उद्धव के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री की सेहत बिलकुल ठीक है। 
 

जयललिता, कैलाश जोशी, नवीन पटनायक, ज्योति बसु और रामप्रकाश गुप्ता। (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गले के ऑपरेशन के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वे पिछले 45 दिन से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए। विपक्ष अब इसे मुद्दा बना रहा है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फिलहाल अपना प्रभार किसी और को सौंप देना चाहिए। अगर उद्धव को कांग्रेस और एनसीपी पर भरोसा नहीं है तो राज्य मंत्री और अपने बेटे आदित्य ठाकरे को प्रभार सौंप दें।

ये पहली बार नहीं है जब किसी मुख्यमंत्री की बीमारी पर सियासत हो रही है। पहले भी ऐसा होता रहा है। मुख्यमंत्रियों की बीमारी का मुद्दा पहले भी चर्चा में रहा है। मध्य प्रदेश में कैलाश जोशी हों, उत्तर प्रदेश में राम प्रसाद गुप्ता हों या फिर तमिलनाडु में जयललिता हों, इन सभी की सेहत से जुड़ी बातें राजनीतिक गलियारों में चर्चित रही हैं। हम आपको ऐसे ही पांच राजनीतिक हस्तियों से जुड़ी बात बता रहे हैं, जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए बीमारी पर काफी सियासत हुई… 
आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनावों में जीतकर कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। शुरुआत में तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन कुछ महीने बाद से उनकी तबीयत खराब रहने लगी। एक रहस्यमयी बीमारी के चलते उन्हें बहुत नींद आने लगी थी। कहा जाता है कि दिन में 20-20 घंटे वे केवल सोते रहते थे। सीएम आवास पर कोई जाता तो कर्मचारी बताते कि मुख्यमंत्री जी सो रहे हैं। यहां तक की एक किस्सा ये भी है कि एक बार प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के दौरे पर थे। जोशी को उस कार्यक्रम में जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री सो गए। जोशी की नींद अखबारों में सुर्खियां बनने लगी।

एक शख्स ने तो खबरों की पेपर कटिंग लेकर हाईकोर्ट में याचिका तक दायर कर दी। याचिका में मुख्यमंत्री जोशी को अनफिट बताते हुए पद से हटाने की मांग की गई। जब भी जोशी से इस बारे में पूछा जाता था, तो वे कहते थे कि उनके ऊपर किसी ने जादू-टोना कर दिया है। विपक्ष के लगातार दबाव के चलते आखिरकार कैलाश जोशी को इस्तीफा देना पड़ा। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के कुछ ही दिनों बाद जोशी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गए थे। 

जोशी की नींद को लेकर एक और किस्सा है। जनता पार्टी के तत्कालीन महासचिव रघु ठाकुर का दावा था कि कैलाश जोशी की खराब तबीयत की वजह कुशाभाऊ ठाकरे थे। कुशाभाऊ ऐसे-ऐसे काम कैलाश जोशी को दे देते थे कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें पूरा करना उनके लिए संभव नहीं था। जोशी से काम छूट जाते और कुशाभाऊ के डर की वजह से वो बीमार पड़ जाते। अगर कुशाभाऊ ठाकरे कभी कैलाश जोशी से मिलने के लिए घर आ जाते थे तो वह भरी गर्मी में भी रजाई ओढ़कर सो जाते थे।
उत्तर प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री रहे राम प्रकाश गुप्ता की सेहत बारे में भी कई किस्से हैं। गुप्ता 12 नवंबर 1999 को यूपी के मुख्यमंत्री बने थे और 28 अक्टूबर 2000 तक इस पद पर रहे। तब उनकी उम्र 76 साल थी। कहते हैं कि उन्हें भूलने की बीमारी थी। सार्वजनिक तौर पर इसकी खबरें छपने लगीं। यहां तक की राम प्रसाद की कैबिनेट में शामिल कई मंत्री भी मीडिया में बयान देने लगे थे। तब जम्बो कैबिनेट का दौर था। गुप्ता के मंत्रिमंडल में 90 से ज्यादा मंत्री थे। इनके एक मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह ने कहा था, ‘अगर इतना भुलक्कड़ मुख्यमंत्री होगा तो राज्य में कुछ भी हो सकता है।’ बसपा प्रमुख मायावती ने भी राम प्रसाद गुप्ता के अलग-अलग बयानों पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘बेचारे गुप्ता जी। हमेशा भूल जाते हैं कि उन्हें कहना क्या है?’
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के स्वास्थ्य से जुड़े किस्से भी खूब मशहूर हैं। 2000 से पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं। पिछले कुछ सालों में पटनायक के बीमार होने की चर्चा पूरे ओडिशा में खूब फैली। यही कारण है कि हमेशा चकाचौंध से दूर रहने वाले पटनायक को आखिरकार वीडियो जारी कर बताना पड़ा कि उनकी सेहत अच्छी है। किस्सा 2019 का है। अचानक पूरे राज्य में खबर फैली कि पटनायक बीमार हो गए हैं। चर्चाएं इस बात की भी होने लगीं कि जल्द ही उनकी बहन गीता मेहता उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल लेंगी। 

पटनायक को मीडिया के सामने आना पड़ा। पहले तो उन्होंने बहन गीता के राजनीति में आने के कयासों को खारिज कर दिया और फिर एक्सरसाइज करते हुए वीडियो और फोटो शेयर कर अपनी सेहत की स्थिति को दिखाया। बाद में उन्होंने मीडिया के सामने इसका जिक्र भी किया। कहा कि भाजपा के एक नेता ने मेरे बीमार होने की अफवाह फैलाई।
1991 में पहली बार जयललिता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। वे पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं। पहली बार 1991 से 1996 तक, दूसरी बार 2001, फिर 2002 से 2006, 2011 से 2014 और आखिरी बार 23 मई 2016 से पांच दिसंबर 2016 तक मुख्यमंत्री रहीं। आखिरी के दो साल जयललिता काफी बीमार थीं। कई बार अस्पताल में भर्ती हुईं। दिल का दौरा भी पड़ा। इस दौरान उनकी बीमारी को लेकर अलग-अलग अफवाहें आती रहीं। हालांकि, बीच में डॉक्टर्स ने उनके स्वास्थ्य में सुधार होने की बात कही थी, लेकिन अचानक पांच दिसंबर 2016 को उनका निधन हो गया। आज भी उनकी मौत और बीमारी रहस्य बनी हुई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर है। 
1977 में ही पश्चिम बंगाल में ज्योति बसु ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था। बसु कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे। देश के किसी राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री का पद संभालने का रिकॉर्ड उनके नाम रहा। जिसे बाद में सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग ने तोड़ा। बसु 1977 से वर्ष 2000 तक वे मुख्यमंत्री रहे। बसु प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। वर्ष 1989, 1990 और फिर 1996 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर भी मिला था, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण उन्हें ये ऑफर ठुकराना पड़ा। साल 2000 में ज्योति बसु की तबियत ज्यादा खराब रहने लगी। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया और आखिरकार नवंबर 2000 में बसु ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया। 95 साल की उम्र में 17 जनवरी 2010 को ज्योति बसु ने आखिरी सांस ली।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गले के ऑपरेशन के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वे पिछले 45 दिन से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए। विपक्ष अब इसे मुद्दा बना रहा है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फिलहाल अपना प्रभार किसी और को सौंप देना चाहिए। अगर उद्धव को कांग्रेस और एनसीपी पर भरोसा नहीं है तो राज्य मंत्री और अपने बेटे आदित्य ठाकरे को प्रभार सौंप दें।

ये पहली बार नहीं है जब किसी मुख्यमंत्री की बीमारी पर सियासत हो रही है। पहले भी ऐसा होता रहा है। मुख्यमंत्रियों की बीमारी का मुद्दा पहले भी चर्चा में रहा है। मध्य प्रदेश में कैलाश जोशी हों, उत्तर प्रदेश में राम प्रसाद गुप्ता हों या फिर तमिलनाडु में जयललिता हों, इन सभी की सेहत से जुड़ी बातें राजनीतिक गलियारों में चर्चित रही हैं। हम आपको ऐसे ही पांच राजनीतिक हस्तियों से जुड़ी बात बता रहे हैं, जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए बीमारी पर काफी सियासत हुई… 

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