न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 23 Feb 2022 12:47 PM IST
सार
ठाणे पुलिस ने बार लाइसेंस से जुड़ी इस धोखाधड़ी के मामले में वानखेड़े को समन भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए थाने तलब किया था।
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विस्तार
ठाणे पुलिस ने बार लाइसेंस से जुड़ी इस धोखाधड़ी के मामले में वानखेड़े को समन भेजकर 23 फरवरी को संबंधित दस्तावेजों के साथ अपना बयान दर्ज कराने के लिए थाने तलब किया था।
उम्र कम बताकर बार लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप
ठाणे के कोपरी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, वानखेड़े ने अपनी उम्र के बारे में गलतबयानी करके बार के लिए लाइसेंस प्राप्त किया था। 1996-97 में उनकी आयु 18 वर्ष से कम थी और वे लाइसेंस के लिए योग्य नहीं थे। इसके बावजूद, उन्होंने ठाणे के सद्गुरु होटल के लिए अपने अनुबंध में अधिक उम्र बताई थी।
क्यों रद्द हुआ था लाइसेंस
समीर वानखेड़े के सद्गुरु होटल के लिए 1997 में दायर लाइसेंस के आवेदन में उम्र को गलत तरीके से पेश किया था। ठाणे के आबकारी अधीक्षक और वानखेड़े के वकील को सुनने के बाद होटल के लाइसेंस को रद्द करने के लिए छह पेज का आदेश पारित किया था। इस बार को शराब की बिक्री की अनुमति दी गई थी।
क्यों हुई थी कार्रवाई
कलेक्टर की जांच में यह पाया गया कि वानखेड़े ने 27 अक्तूबर 1997 को होटल व बार का लाइसेंस प्राप्त किया था। लाइसेंस लेने के लिए 21 वर्ष की आयु की जरूरत थी, लेकिन वानखेड़े उस समय 18 वर्ष से भी कम उम्र के थे इसलिए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया। वानखेड़े ने इस मामले में ठाणे पुलिस द्वारा प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट ने उन्हें 28 फरवरी तक अंतरिम राहत दी है।