‘माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी इंवेट’ में नडेला ने मंगलवार को कहा कि महामारी के बीच वैश्विक स्तर पर संगठन डिजिटल परिवर्तन के दौर में हैं। हाइब्रिड वर्क, हाइपरकनेक्टेड व्यवसाय और मल्टी-क्लाउड वातावरण जैसे रुझानों के लिए एक ऐसे डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है, जिसकी कोई सीमा न हो।
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला ने कहा कि महामारी के बीच दुनिया डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। विभिन्न स्तरों पर तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। बदल रहे इस दौर में तकनीकी की मदद से न सिर्फ कारोबार किफायती हो जाएगा बल्कि उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
‘माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी इंवेट’ में नडेला ने मंगलवार को कहा कि महामारी के बीच वैश्विक स्तर पर संगठन डिजिटल परिवर्तन के दौर में हैं। हाइब्रिड वर्क, हाइपरकनेक्टेड व्यवसाय और मल्टी-क्लाउड वातावरण जैसे रुझानों के लिए एक ऐसे डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है, जिसकी कोई सीमा न हो।
हालांकि, इस तंत्र में विभिन्न पक्षों के बीच तत्काल भरोसा कायम करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी एक ऐसी ताकत है, जिसकी मदद से किसी अर्थव्यवस्था में लगातार बढ़ रही महंगाई को भी कम किया जा सकता है। छोटे या बड़े व्यवसाय तकनीकी के इस्तेमाल से अपनी उत्पादकता बढ़ाने के साथ उत्पादों और सेवाओं को किफायती बना सकते हैं। संगठनों को इस बदलाव को अपनाने में मदद करना माइक्रोसॉफ्ट जैसी तकनीकी कंपनियों के लिए जोरदार अवसर और एक बड़ी जिम्मेदारी है।
मेटावर्स है अगला पड़ाव, डिजिटल अवतार में होगा आमना-सामना
नडेला ने कहा कि मेटावर्स माइक्रोसॉफ्ट का अगला अहम पड़ाव है, जहां लोग वर्चुअल वर्ल्ड से आगे डिजिटल अवतार में पहुंच सकते हैं। इसके जरिए आप और मैं एक मीटिंग कर सकते हैं, जहां हम सभी फिजिकली उपस्थित हुए बिना भी मौजूद होते हैं। कंपनी सावधानी से इस दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम डिजिटल प्रतिनिधित्व तैयार करने के बारे में बात कर रहे हैं।
मेटावर्स के जरिये हमारे पास ऐसा करने और मानवता को साथ लाने का मौका है। इस पर जोर ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब फेसबुक ने खुद को मेटा में रिब्रांड किया है। वह मेटावर्स के विकास के लिए 10 अरब डॉलर खर्च कर रही है। नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट भी मेटावर्स तक पहुंचने के लिए उपभोक्ताओं और व्यवसाय दोनों की क्षमता विकसित करने में जुटी है।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा उपभोक्ता खर्च का लाभ : चंद्रशेखरन
टाटा समूह के अध्यन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि महामारी ने भारत की दीर्घकालिक वृद्धि यात्रा को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन देरी जरूर हुई है। अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुल गई है। मुझे भरोसा है कि हमारी वृद्धि जारी रहेगी और उपभोक्ता खर्च का पूरा लाभ मिलेगा। इस दशक में भारत वैश्विक वृद्धि दर की अगुवाई करेगा। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भारत की स्थिति बहुत अनोखी है। देश की वृद्धि आगे चलकर और अधिक महत्वपूर्ण होने जा रही है। भारत को बड़ी भूमिका निभानी है।
जीएसटी, दिवालिया ऋणशोधन अक्षमता कानून, कॉरपोरेट कर की दर में कमी, बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत करने का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सभी उपाय महामारी से पहले किए गए थे। अब विशाल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, महामारी के दौरान डिजिटल पहुंच में अंतर ने एक विभाजन पैदा किया। जिन लोगों के पास साधन और पहुंच नहीं है, वे पीछे छूट गए हैं।
चिप डिजाइन जैसे नए अवसरों का फायदा उठाने का समय : आर चंद्रशेखर
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री आर चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अगले पांच-सात साल में अपनी मुख्य क्षमता के अलावा सेमीकंडक्टर डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवाओं जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों का लाभ उठा सकता है। कंप्यूटिंग प्रदर्शन की अगली लहर सॉफ्टवेयर ऑप्टिमाइजेशन, सेमीकंडक्टर डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और नए खोजों से आने वाली है।
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ सॉफ्टवेयर प्रदाता हुआ करते थे। अब अगले पांच से सात साल में हार्डवेयर प्रदाता बन सकते हैं। सेमीकंडक्टर डिजाइन, ई-आरएंडडी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, डिजाइन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा प्रदाता हो सकते हैं। बीते 15-20 साल से हमारी जो मुख्य क्षमता है, उसके आगे भी अवसरों का एक नया क्षितिज है।
चंद्रशेखर ने कहा कि 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए उद्योग, उद्यमियों और शिक्षाविदों का साथ जरूरी है। डाटा सुरक्षा पर कहा कि भारत में इंटरनेट हमेशा खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह रहेगा।
नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीतियां जरूरी : कांत
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश की नीतियां नवाचार को बढ़ावा देने वाली, सुगम और प्रगतिशील होनी चाहिए। उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ नीतियों के आधार पर मानक बनाया जाना चाहिए। भारत हर महीने तीन यूनिकॉर्न तैयार कर रहा है।
कांत ने कहा कि भारत की वृद्धि के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर चुनौतियां भी होंगी। इस चुनौतियों से निपटने के लिए काफी काम करने की जरूरत है। देश की अदालतों में पड़े लंबित मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल के बिना इनकी संख्या कम नहीं की जा सकती है।
आईटी में प्रतिभा के लिए जंग बड़ी चुनौती : रिषद
विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिषद प्रेमजी ने कहा कि आईटी क्षेत्र में प्रतिभा को लेकर होने वाली जंग सबसे बड़ी चुनौती है। मांग एवं आपूर्ति में अंतर के कारण आईटी कंपनियां कर्मचारियों को काम पर रखने और बनाए रखने के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही हैं। मैं यह कहने में इतना साहस करूंगा कि उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा है। उद्योग के स्तर पर लोगों को कुशल बनाने और उनका कौशल बढ़ाने में अत्यधिक समय-पैसा खर्च हो रहा है।
इस दशक 7.5 फीसदी रहेगी विकास दर : विरमानी
उधर, पीएचडीसीसीआई के कार्यक्रम में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.5 फीसदी रह सकती है। इस दशक की औसत वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहेगी, जिसमें ऊपर-नीचे आधा फीसदी का अंतर आ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च और निर्यात काफी अधिक हैं, लेकिन महामारी के कारण निजी खपत में सुधार नहीं हुआ है। अर्थशास्त्री ने कहा, भारत की जीडीपी वृद्धि अब सकारात्मक है, लेकिन रोजगार के मोर्चे पर पिछड़ रही है।
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माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला ने कहा कि महामारी के बीच दुनिया डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। विभिन्न स्तरों पर तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। बदल रहे इस दौर में तकनीकी की मदद से न सिर्फ कारोबार किफायती हो जाएगा बल्कि उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
‘माइक्रोसॉफ्ट फ्यूचर रेडी इंवेट’ में नडेला ने मंगलवार को कहा कि महामारी के बीच वैश्विक स्तर पर संगठन डिजिटल परिवर्तन के दौर में हैं। हाइब्रिड वर्क, हाइपरकनेक्टेड व्यवसाय और मल्टी-क्लाउड वातावरण जैसे रुझानों के लिए एक ऐसे डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है, जिसकी कोई सीमा न हो।
हालांकि, इस तंत्र में विभिन्न पक्षों के बीच तत्काल भरोसा कायम करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी एक ऐसी ताकत है, जिसकी मदद से किसी अर्थव्यवस्था में लगातार बढ़ रही महंगाई को भी कम किया जा सकता है। छोटे या बड़े व्यवसाय तकनीकी के इस्तेमाल से अपनी उत्पादकता बढ़ाने के साथ उत्पादों और सेवाओं को किफायती बना सकते हैं। संगठनों को इस बदलाव को अपनाने में मदद करना माइक्रोसॉफ्ट जैसी तकनीकी कंपनियों के लिए जोरदार अवसर और एक बड़ी जिम्मेदारी है।
मेटावर्स है अगला पड़ाव, डिजिटल अवतार में होगा आमना-सामना
नडेला ने कहा कि मेटावर्स माइक्रोसॉफ्ट का अगला अहम पड़ाव है, जहां लोग वर्चुअल वर्ल्ड से आगे डिजिटल अवतार में पहुंच सकते हैं। इसके जरिए आप और मैं एक मीटिंग कर सकते हैं, जहां हम सभी फिजिकली उपस्थित हुए बिना भी मौजूद होते हैं। कंपनी सावधानी से इस दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम डिजिटल प्रतिनिधित्व तैयार करने के बारे में बात कर रहे हैं।
मेटावर्स के जरिये हमारे पास ऐसा करने और मानवता को साथ लाने का मौका है। इस पर जोर ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब फेसबुक ने खुद को मेटा में रिब्रांड किया है। वह मेटावर्स के विकास के लिए 10 अरब डॉलर खर्च कर रही है। नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट भी मेटावर्स तक पहुंचने के लिए उपभोक्ताओं और व्यवसाय दोनों की क्षमता विकसित करने में जुटी है।