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महाराष्ट्र: वक्फ संपत्ति बिक्री मामले में ईडी ने की छापेमारी, नवाब मलिक बोले- ऐसी कार्रवाईयों से डरा नहीं सकते

अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 12 Nov 2021 03:44 AM IST

सार

ईडी की इस कार्रवाई को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के बीच शुरू जंग के रूप में देखा जाने लगा है। चूंकि यह कार्रवाई अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वक्फ बोर्ड में अनियमितता से संबंधित है इसलिए इस तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

नवाब मलिक और देवेंद्र फडणवीस
– फोटो : Amar Ujala

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड की कथित गैर-कानूनी बिक्री से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को पुणे और इसके आसपास के इलाकों में सात परिसरों में छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। वहीं छापेमारी पर महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि ऐसी कार्रवाई से उन्हें डराया नहीं जा सकता।

ईडी के अधिकारिक सूत्रो ने कहा कि ईडी का धन शोधन मामला महाराष्ट्र पुलिस की प्राथमिकी और आरोपपत्र पर आधारित है और एजेंसी छापेमारी के जरिये और अधिक जानकारी जुटा रही है। वहीं, ईडी की इस कार्रवाई को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के बीच शुरू जंग के रूप में देखा जाने लगा है। चूंकि यह कार्रवाई अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वक्फ बोर्ड में अनियमितता से संबंधित है इसलिए इस तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

लेकिन इस मामले में बृहस्पतिवार को नवाब मलिक ने खुद सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पुणे में वक्फ बोर्ड की जमीन घोटाला मामले में ईडी ने कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई ताबूत इनाम इंडोन्मेंट बोर्ड ट्रस्ट के खिलाफ हुई है जो पुणे के मुलशी तालुका में वक्फ बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत है। मलिक ने कहा कि वक्फ बोर्ड के तहत 30 हजार संस्थाएं पंजीकृत हैं। अगर, हमारे पारदर्शी कामकाज में केंद्रीय एजेंसी का सहयोग मिल रहा है तो उसका स्वागत है।

मौजूदा कार्रवाई का उद्देश्य छवि खराब करना
मलिक ने जांच एजेंसी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, जांच एजेंसी को शिया वक्फ बोर्ड, लखनऊ द्वारा की गई शिकायतों की जांच में भी ऐसी ही दिलचस्पी दिखानी चाहिए। कार्रवाई पर मलिक ने कहा कि अगर ईडी सोचता है कि ऐसी कार्रवाई से वह मुझे डरा लेगा तो वह मुगालते में है। ऐसी कार्रवाईयां केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ हमारे द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान को नहीं रोक सकेंगी। मलिक ने कहा कि किसी भी मामले में जांच के लिए ईडी का स्वागत है। लेकिन ऐसा लगता है कि मौजूदा कार्रवाई का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना है।

भाजपा नेताओं पर दर्ज मामलों की जांच के लिए ईडी से मिलेगा एनसीपी का प्रतिनिधिमंडल
मलिक ने कहा कि जल्द ही एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की अगुवाई में पार्टी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल ईडी के अधिकारियों से मिलेगा और भाजपा नेताओं पर दर्ज मामलों की जांच तेज करने की मांग की जाएगी। मलिक ने कहा कि ईडी ने कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी लेकिन जब वे भाजपा में शामिल हो गए तो कार्रवाई थम गई। उन्होंने कहा कि ईडी को सहयोग देने के लिए सारे दस्तावेज जुटाए गए हैं।

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड की कथित गैर-कानूनी बिक्री से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को पुणे और इसके आसपास के इलाकों में सात परिसरों में छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। वहीं छापेमारी पर महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि ऐसी कार्रवाई से उन्हें डराया नहीं जा सकता।

ईडी के अधिकारिक सूत्रो ने कहा कि ईडी का धन शोधन मामला महाराष्ट्र पुलिस की प्राथमिकी और आरोपपत्र पर आधारित है और एजेंसी छापेमारी के जरिये और अधिक जानकारी जुटा रही है। वहीं, ईडी की इस कार्रवाई को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के बीच शुरू जंग के रूप में देखा जाने लगा है। चूंकि यह कार्रवाई अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वक्फ बोर्ड में अनियमितता से संबंधित है इसलिए इस तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

लेकिन इस मामले में बृहस्पतिवार को नवाब मलिक ने खुद सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पुणे में वक्फ बोर्ड की जमीन घोटाला मामले में ईडी ने कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई ताबूत इनाम इंडोन्मेंट बोर्ड ट्रस्ट के खिलाफ हुई है जो पुणे के मुलशी तालुका में वक्फ बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत है। मलिक ने कहा कि वक्फ बोर्ड के तहत 30 हजार संस्थाएं पंजीकृत हैं। अगर, हमारे पारदर्शी कामकाज में केंद्रीय एजेंसी का सहयोग मिल रहा है तो उसका स्वागत है।

मौजूदा कार्रवाई का उद्देश्य छवि खराब करना

मलिक ने जांच एजेंसी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, जांच एजेंसी को शिया वक्फ बोर्ड, लखनऊ द्वारा की गई शिकायतों की जांच में भी ऐसी ही दिलचस्पी दिखानी चाहिए। कार्रवाई पर मलिक ने कहा कि अगर ईडी सोचता है कि ऐसी कार्रवाई से वह मुझे डरा लेगा तो वह मुगालते में है। ऐसी कार्रवाईयां केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ हमारे द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान को नहीं रोक सकेंगी। मलिक ने कहा कि किसी भी मामले में जांच के लिए ईडी का स्वागत है। लेकिन ऐसा लगता है कि मौजूदा कार्रवाई का उद्देश्य उनकी छवि खराब करना है।

भाजपा नेताओं पर दर्ज मामलों की जांच के लिए ईडी से मिलेगा एनसीपी का प्रतिनिधिमंडल

मलिक ने कहा कि जल्द ही एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की अगुवाई में पार्टी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल ईडी के अधिकारियों से मिलेगा और भाजपा नेताओं पर दर्ज मामलों की जांच तेज करने की मांग की जाएगी। मलिक ने कहा कि ईडी ने कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी लेकिन जब वे भाजपा में शामिल हो गए तो कार्रवाई थम गई। उन्होंने कहा कि ईडी को सहयोग देने के लिए सारे दस्तावेज जुटाए गए हैं।

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