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भारत-फ्रांस संबंध: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की फ्रांसीसी समकक्ष से मुलाकात, यूक्रेन संकट पर साझा हुए विचार 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 21 Feb 2022 11:10 AM IST

सार

दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन-रूस के बीच छिड़े संघर्ष पर चर्चा हुई। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों, वैश्विक साझेदारी व हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। 

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तीन दिन की फ्रांस यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले दिन सोमवार को अपने  फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां यवेस ले ड्रियन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन-रूस के बीच छिड़े संघर्ष पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इससे पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने दोनों देशों को कूटनीतिक रूप से इस विवाद को सुलझाने की पेशकश की थी। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुलाकात के बारे में ट्विटर पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय रिश्तों, वैश्विक साझेदारी व हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। खबरों के मुताबिक, विदेश मंत्री अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात कर सकते हैं। दरअसल, फ्रांस और भारत प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। वहीं फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एकमात्र स्थायी सदस्य भी है। ऐसे में एस. जयशंकर की यह विदेश यात्रा काफी महत्वपूर्ण है। 

विस्तार

तीन दिन की फ्रांस यात्रा पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले दिन सोमवार को अपने  फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां यवेस ले ड्रियन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन-रूस के बीच छिड़े संघर्ष पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इससे पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने दोनों देशों को कूटनीतिक रूप से इस विवाद को सुलझाने की पेशकश की थी। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुलाकात के बारे में ट्विटर पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय रिश्तों, वैश्विक साझेदारी व हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। खबरों के मुताबिक, विदेश मंत्री अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात कर सकते हैं। दरअसल, फ्रांस और भारत प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। वहीं फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एकमात्र स्थायी सदस्य भी है। ऐसे में एस. जयशंकर की यह विदेश यात्रा काफी महत्वपूर्ण है। 

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