वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 17 Mar 2022 09:11 AM IST
जस्टिस भंडारी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत आईसीजे में पदस्थ हैं। वे निष्पक्ष व बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में सब कुछ
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कहीं भी, कभी भी।
हेग स्थित अंतरराष्ट्र्रीय न्यायालय ICJ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका दिया है। यूक्रेन की याचिका पर आईसीजे में मतदान कराया गया। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि आईसीजे के जस्टिस दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ मतदान किया। आईसीजे ने रूस को तुरंत हमले बंद करने को कहा है।
जस्टिस भंडारी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत आईसीजे में पदस्थ हैं। वे निष्पक्ष व बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। आईसीजे में रूस के खिलाफ 13 जजों ने मतदान किया जबकि पक्ष में केवल दो ने मतदान किया। इन 13 जजों में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी भी शामिल थे। न्यायाधीश जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया वे थे किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन)।
आइये जानते हैं जस्टिस दलवीर भंडारी के बारे में सब कुछ :
- जस्टिस दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वे मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले हैं।
- वर्ष 2012 में, उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक रहा। इसके उन्हें भारत द्वारा फिर से नामित किया गया।
- वह ब्रिटेन के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर ICJ में एक और कार्यकाल जीता।
- पद्मभूषण से सम्मानित जस्टिस भंडारी 40 साल से भी ज्यादा समय तक भारतीय न्याय प्रणाली का हिस्सा रहे हैं।
- वे कभी वकील के रूप में, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जज तो फिलहाल अंतरराष्ट्रीय अदालत के जज के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
- जस्टिस भंडारी ने 1973 से 1976 तक राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत की। उसके बाद दिल्ली आ गए। यहां वे कोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे।
- 1991 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाया गया।
- दिल्ली हाईकोर्ट जज बनने के बाद जस्टिस भंडारी बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
- जस्टिस भंडारी 2005 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए।
- 2012 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद वे आईसीजे में जज बनाए गए। उन्हें भारी मतों से चुना गया। उसके बाद से वे लगातार आईसीजे में सेवाएं दे रहे हैं।
- भारत में पढ़ाई करने के बाद जस्टिस दलवीर भंडारी ने अमरीका की शिकागो स्थित नार्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का काफी अनुभव है।
- 1994 से ही जस्टिस भंडारी इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन, इंडिया चैप्टर के सदस्य हैं।
- 2007 में वे सर्वसम्मति से इंडिया इंटरनेशनल लॉ फाउंडेशन के अध्यक्ष चुने गए।
- जस्टिस भंडारी ने एक पुस्तक भी लिखी है- ‘ज्यूडीशियल रिफॉर्म्स : रीसेंट ग्लोबल ट्रेंड्स’
विस्तार
हेग स्थित अंतरराष्ट्र्रीय न्यायालय ICJ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका दिया है। यूक्रेन की याचिका पर आईसीजे में मतदान कराया गया। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि आईसीजे के जस्टिस दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ मतदान किया। आईसीजे ने रूस को तुरंत हमले बंद करने को कहा है।
जस्टिस भंडारी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत आईसीजे में पदस्थ हैं। वे निष्पक्ष व बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। आईसीजे में रूस के खिलाफ 13 जजों ने मतदान किया जबकि पक्ष में केवल दो ने मतदान किया। इन 13 जजों में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी भी शामिल थे। न्यायाधीश जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया वे थे किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन)।
आइये जानते हैं जस्टिस दलवीर भंडारी के बारे में सब कुछ :
- जस्टिस दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वे मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले हैं।
- वर्ष 2012 में, उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक रहा। इसके उन्हें भारत द्वारा फिर से नामित किया गया।
- वह ब्रिटेन के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर ICJ में एक और कार्यकाल जीता।
- पद्मभूषण से सम्मानित जस्टिस भंडारी 40 साल से भी ज्यादा समय तक भारतीय न्याय प्रणाली का हिस्सा रहे हैं।
- वे कभी वकील के रूप में, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जज तो फिलहाल अंतरराष्ट्रीय अदालत के जज के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
- जस्टिस भंडारी ने 1973 से 1976 तक राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत की। उसके बाद दिल्ली आ गए। यहां वे कोर्ट में प्रैक्टिस करते रहे।
- 1991 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाया गया।
- दिल्ली हाईकोर्ट जज बनने के बाद जस्टिस भंडारी बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
- जस्टिस भंडारी 2005 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए।
- 2012 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद वे आईसीजे में जज बनाए गए। उन्हें भारी मतों से चुना गया। उसके बाद से वे लगातार आईसीजे में सेवाएं दे रहे हैं।
- भारत में पढ़ाई करने के बाद जस्टिस दलवीर भंडारी ने अमरीका की शिकागो स्थित नार्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का काफी अनुभव है।
- 1994 से ही जस्टिस भंडारी इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन, इंडिया चैप्टर के सदस्य हैं।
- 2007 में वे सर्वसम्मति से इंडिया इंटरनेशनल लॉ फाउंडेशन के अध्यक्ष चुने गए।
- जस्टिस भंडारी ने एक पुस्तक भी लिखी है- ‘ज्यूडीशियल रिफॉर्म्स : रीसेंट ग्लोबल ट्रेंड्स’