न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, तेहरान/विएना।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 28 Nov 2021 12:23 AM IST
सार
इस बैठक का मकसद अमेरिका-ईरान को 2015 के समझौते के तहत साथ लाना है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस समझौते को तोड़कर ईरान पर गंभीर पाबंदियां लगा दी थीं।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
बता दें कि सोमवार को अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली इस परोक्ष बैठक में दुनिया के दूसरे प्रमुख और ताकतवर देश भी शामिल होंगे। इस बैठक का मकसद अमेरिका-ईरान को 2015 के समझौते के तहत साथ लाना है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस समझौते को तोड़कर ईरान पर गंभीर पाबंदियां लगा दी थीं।
इसके बाद शिया-बहुल देश ईरान ने यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दिया। हालांकि इसका नतीजा यह भी हुआ कि ईरान आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से पिछड़ता जा रहा है।
हुसैन अमीर-अब्दोलाहियन ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल से कहा कि ईरान अपने ऊपर लगी सारी पाबंदियां हटाना चाहता है। उन्होंने कहा, यदि विरोधी पक्ष अपने दायित्वों को पूरा करने और हम पर लगाई पाबंदियां पूर्णत: हटाने को राजी हों तो यह अच्छी बात है और हम तुरंत समझौता कर सकते हैं।
प्रामाणिक समझौता चाहता है ईरान
ईरान के सरकारी मीडिया ने विदेश मंत्री हुसैन के हवाले से लिखा है कि ईरान एक अच्छा और प्रामाणिक समझौता चाहता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने इस सप्ताह तेहरान की यात्रा के बाद कहा कि कई विवादित मुद्दे अभी भी जस के तस बने हुए हैं और इनका समाधान तलाशे बिना किसी एक समझौते पर पहुंचना मुश्किल है।
ईरान में प्रदर्शनकारियों पर छोड़ी गई आंसू गैस
ईरान पर लगे प्रतिबंधों का असर देश के आर्थिक हालात पर भी पड़ रहा है जिसका देश में जबरदस्त विरोध हो रहा है। दूसरी तरफ देश में सूखा भी पड़ा हुआ है। इस पर सरकारी कार्रवाई की मांग करते हुए कई प्रदर्शनकारी पिछले कुछ दिनों से सरकार विरोधी आंदोलन चला रहे हैं।
शनिवार को देश के इसफाहन शहर में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और चिड़िया मारने वाली गोलियां भी चलाईं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत भी हुई। ऑनलाइन पोस्ट एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर पथराव के बाद हुई कार्रवाई में आंसू गैस के गोले और चिड़ीमार गोलियां चलाते दिखाया गया है।
बिगड़ते हालात के बीच मोबाइल सेवा भी बाधित हुई और दक्षिण-पश्चिमी शहर अहवाज भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारी देश में बढ़ती महंगाई का भी विरोध कर रहे थे।