अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 19 Apr 2022 09:35 PM IST
सार
सेना के तीनों अंग यह मान कर चल रहे हैं कि साइबर हमला और उसमें सेंध लगाना नए जमाने के युद्ध का हिस्सा है। मामले के उच्च जांच के आदेश दिए गए हैं।
Cyber Attack
– फोटो : social media
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विस्तार
खुफिया एजेंसियों को कुछ सैन्य अफसरों द्वारा साइबर सुरक्षा में चूक का पता लगने के बाद सेना ने मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। शक है कि इस चूक के तार पाकिस्तान और चीन के जासूसी तंत्र से जुड़े हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, यह सेंध कुछ वाट्सएप ग्रुप के जरिये लगाई गई। यह बेहद संवेदनशील मामला है और जांच जारी है। दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
सूत्रों ने इस चूक को सैन्य साइबर सुरक्षा पर जारी गाइडलाइंस का सीधा उल्लंघन बताया। किसी भी सैन्य अधिकारी द्वारा खुफिया मामलों में इस तरह के उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाता है। यह मामला आधिकारिक गोपनीय अधिनियम के तहत आता है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मामला काफी संवेदनशील होने के कारण इस मामले में कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती। सूत्रों ने आगाह किया कि किसी तरह का कयास भी नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
नए तरह के युद्ध का हिस्सा
सूत्रों के मुताबिक, सेना के तीनों अंग यह मान कर चल रहे हैं कि साइबर हमला और उसमें सेंध लगाना नए जमाने के युद्ध का हिस्सा है। लिहाजा इससे बचने के लिए ठोस सुरक्षा कवच पर काम हो रहा है। इसमें छोटी से छोटी चूक को भी नजरअंदाज करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दुश्मन देश का खुफिया तंत्र अधिकारियों को सोशल मीडिया पर फंसा कर उनके पास उपलब्ध जानकारियों को पाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ऐसी कई कोशिशें नाकाम हुई है। लेकिन कुछ मामलों में सैन्य अधिकारी जाने अनजाने उनका शिकार हो रहे हैं।