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बच्चों का टीकाकरण: मधुमेह समेत इन बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को मिलेगी प्राथमिकता, दिशा-निर्देश हो रहे तैयार

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 25 Aug 2021 07:30 AM IST

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वयस्कों की तरह बच्चों का भी टीकाकरण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा। सबसे पहले कोरोना वैक्सीन पहले से बीमार बच्चों में लगेगा, जिन्हें संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट, कैंसर, निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी।

टीकाकरण को लेकर गठित राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि पहले से बीमार बच्चों का टीकाकरण सबसे पहले शुरू होगा। इसमें कुछ समय लग सकता है क्योंकि अभी बच्चों में बीमारियों को लेकर दिशा-निर्देश तैयार हो रहे हैं। अनुमान है कि करीब 20 से 25 बीमारियों को इसमें शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि व्यस्कों की तरह बच्चों का भी टीकाकरण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा।

उन्होंने बताया कि देश में 12 से 18 वर्ष की आयु वालों की कुल आबादी तकरीबन 12 करोड़ है। जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु वालों की कुल आबादी 94 करोड़ के आसपास है। अभी सरकार की प्राथमिकता वयस्कों का टीकाकरण पूरा करना है लेकिन अगले कुछ सप्ताह में 12 से 18 साल की आयु का टीकाकरण भी शुरू होगा। इसके लिए जायडस कैडिला कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा।

बच्चों के लिए आरक्षित रहेगी जायडस कैडिला की वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शुरूआत में जायडस कैडिला कंपनी से सीमित मात्रा में वैक्सीन मिल सकती हैं। इसलिए डीएनए आधारित इस वैक्सीन को बच्चों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। बाद में आपूर्ति नियमित होने पर इसे वयस्कों के लिए भी रखा जा सकता है। हालांकि इस पर अंतिम अनुमति के लिए पीएमओ के साथ बैठक होना भी बाकी है।

पहले वयस्कों का टीकाकरण पूरा करना उद्देश्य
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि सितंबर अंत या फिर अक्तूबर माह की शुरुआत में बच्चों का टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सिंतबर तक भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवाक्सिन का बच्चों पर परीक्षण भी पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा पहले वयस्कों का टीकाकरण तेजी से पूरा करना ही एकमात्र उद्देश्य है लेकिन वैक्सीन आपूर्ति नियमित होने पर पहले से बीमार बच्चों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा।

डॉ. अरोड़ा का कहना है कि देश में ज्यादातर हिस्सों में संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। इसलिए सभी बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होनी चाहिए, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। चिकित्सीय तौर पर जिन बच्चों को संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है उन्हें सरकार प्राथमिकता देगी। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट भी सामने आई थी जिसके अनुसार संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुए बच्चों में 70 फीसदी से अधिक को पहले से कोई न कोई बीमारी थी।

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वयस्कों की तरह बच्चों का भी टीकाकरण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा। सबसे पहले कोरोना वैक्सीन पहले से बीमार बच्चों में लगेगा, जिन्हें संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट, कैंसर, निमोनिया जैसी बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी।

टीकाकरण को लेकर गठित राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि पहले से बीमार बच्चों का टीकाकरण सबसे पहले शुरू होगा। इसमें कुछ समय लग सकता है क्योंकि अभी बच्चों में बीमारियों को लेकर दिशा-निर्देश तैयार हो रहे हैं। अनुमान है कि करीब 20 से 25 बीमारियों को इसमें शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि व्यस्कों की तरह बच्चों का भी टीकाकरण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा।

उन्होंने बताया कि देश में 12 से 18 वर्ष की आयु वालों की कुल आबादी तकरीबन 12 करोड़ है। जबकि 18 वर्ष से अधिक आयु वालों की कुल आबादी 94 करोड़ के आसपास है। अभी सरकार की प्राथमिकता वयस्कों का टीकाकरण पूरा करना है लेकिन अगले कुछ सप्ताह में 12 से 18 साल की आयु का टीकाकरण भी शुरू होगा। इसके लिए जायडस कैडिला कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा।

बच्चों के लिए आरक्षित रहेगी जायडस कैडिला की वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शुरूआत में जायडस कैडिला कंपनी से सीमित मात्रा में वैक्सीन मिल सकती हैं। इसलिए डीएनए आधारित इस वैक्सीन को बच्चों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। बाद में आपूर्ति नियमित होने पर इसे वयस्कों के लिए भी रखा जा सकता है। हालांकि इस पर अंतिम अनुमति के लिए पीएमओ के साथ बैठक होना भी बाकी है।

पहले वयस्कों का टीकाकरण पूरा करना उद्देश्य

डॉ. अरोड़ा ने बताया कि सितंबर अंत या फिर अक्तूबर माह की शुरुआत में बच्चों का टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि सिंतबर तक भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवाक्सिन का बच्चों पर परीक्षण भी पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा पहले वयस्कों का टीकाकरण तेजी से पूरा करना ही एकमात्र उद्देश्य है लेकिन वैक्सीन आपूर्ति नियमित होने पर पहले से बीमार बच्चों को प्राथमिकता पर रखा जाएगा।

डॉ. अरोड़ा का कहना है कि देश में ज्यादातर हिस्सों में संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। इसलिए सभी बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होनी चाहिए, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। चिकित्सीय तौर पर जिन बच्चों को संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है उन्हें सरकार प्राथमिकता देगी। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट भी सामने आई थी जिसके अनुसार संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुए बच्चों में 70 फीसदी से अधिक को पहले से कोई न कोई बीमारी थी।

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