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जी-7 में फैसला: 31 अगस्त तक खाली नहीं करेंगे काबुल एयरपोर्ट, तालिबान को देनी होगी आगे अनुमति

सार

ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने कहा, तालिबान से जुड़ने की होगी यह पहली शर्त, अफगानिस्तान को आतंक व नशे की पनाहगाह बनने से रोकने पर भी सभी देशों में सहमति

जी7 शिखर सम्मेलन 2019
– फोटो : internationalrelationsedu.org

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विश्व की सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की मौजूदगी वाले शक्तिशाली जी-7 संगठन ने मंगलवार को कहा कि वे 31 अगस्त की समयसीमा तक काबुल एयरपोर्ट खाली नहीं करेंगे बल्कि तालिबान को इसके बाद भी उड़ान भरने और बाहर जाने के इच्छुक अफगान नागरिकों को सुरक्षित राह देनी होगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सभी देशों ने इसे तालिबान से किसी भी संपर्क की पहली शर्त माना है।

जॉनसन ने बताया कि संगठन की वर्चुअल बैठक में सभी ने तालिबान से निपटने की एक योजना पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, हमने न केवल निकासी को संयुक्त दृष्टिकोण बनाने पर सहमति जताई, बल्कि तालिबान से जुड़ने के तरीके को लेकर एक रोडमैप पर भी हामी भरी। उन्होंने कहा, 31 अगस्त की समयसीमा के बाद भी अफगान नागरिकों को बाहर जाने देने की शर्त को कुछ (तालिबान) लोग नहीं मानेंगे। लेकिन मेरे हिसाब से कुछ को इसका लाभ समझ आएगा, क्योंकि जी-7 से संपर्क का बहुत ही अच्छा आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक लाभ है।

जॉनसन ने कहा, हमने तय किया है कि अफगानिस्तान दोबारा आतंकवाद का जन्मदाता देश नहीं हो सकता, अफगानिस्तान एक नार्को (नशीले पदार्थों) वाला देश नहीं हो सकता, लड़कियों को 18 साल की उम्र तक शिक्षा देनी होगी। 

हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से उनके तालिबान संकट से निपटने के तरीके और अफगानिस्तान में अमेरिकी जवानों के बने रहने की समयसीमा को आगे बढ़ाने से इनकार करने को लेकर अन्य जी-7 नेताओं ने बैठक में नाराजगी जाहिर की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन ये तभी संभव होगा जब तालिबान सहयोग करे और जो लोग एयरपोर्ट पहुंचना चाहते हैं उन्हें न रोका जाए और हमारे ऑपरेशन में किसी तरह की रुकावट पैदा न की जाए। 

 

तालिबान ने फिर दी अमेरिका को चेतावनी
तालिबान ने मंगलवार को एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी दी। इस बार तालिबान ने अमेरिका को अफगान नागरिकों के एलीट वर्ग को देश छोड़ने के लिए बढ़ावा देने को लेकर चेताया। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, वॉशिंगटन को अफगान के अमीर व विद्वान वर्ग को देश छोड़ने के लिए बढ़ावा नहीं देना चाहिए। टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान प्रवक्ता ने यह चेतावनी अमेरिका की तरफ से हालिया दिनों में बहुत सारे अफगान नागरिकों को देश से बाहर ले जाने को लेकर दी।

बता दें कि बहुत सारे अफगान राजनेता, अपदस्थ सरकार के कर्मचारियों और पत्रकारों ने तालिबान का निशाना बनने के डर से देश छोड़ दिया है। मुजाहिद ने यह भी कहा कि तालिबान पंजशीर घाटी की समस्या को शांति से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदु कुश पर्वत की पंजशीर घाटी इकलौता ऐसा इलाका है, जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। काबुल से 90 किलोमीटर उत्तर में मौजूद इस इलाके पर तालिबान कभी कब्जा नहीं कर पाया है। मुजाहिद ने तालिबान लड़ाकों के घर-घर जाकर तलाशी लेने की खबरों को भी गलत बताया और कहा कि हम पहले ही सबको अभयदान दे चुके हैं।

 

विस्तार

विश्व की सात सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं की मौजूदगी वाले शक्तिशाली जी-7 संगठन ने मंगलवार को कहा कि वे 31 अगस्त की समयसीमा तक काबुल एयरपोर्ट खाली नहीं करेंगे बल्कि तालिबान को इसके बाद भी उड़ान भरने और बाहर जाने के इच्छुक अफगान नागरिकों को सुरक्षित राह देनी होगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सभी देशों ने इसे तालिबान से किसी भी संपर्क की पहली शर्त माना है।

जॉनसन ने बताया कि संगठन की वर्चुअल बैठक में सभी ने तालिबान से निपटने की एक योजना पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, हमने न केवल निकासी को संयुक्त दृष्टिकोण बनाने पर सहमति जताई, बल्कि तालिबान से जुड़ने के तरीके को लेकर एक रोडमैप पर भी हामी भरी। उन्होंने कहा, 31 अगस्त की समयसीमा के बाद भी अफगान नागरिकों को बाहर जाने देने की शर्त को कुछ (तालिबान) लोग नहीं मानेंगे। लेकिन मेरे हिसाब से कुछ को इसका लाभ समझ आएगा, क्योंकि जी-7 से संपर्क का बहुत ही अच्छा आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक लाभ है।

जॉनसन ने कहा, हमने तय किया है कि अफगानिस्तान दोबारा आतंकवाद का जन्मदाता देश नहीं हो सकता, अफगानिस्तान एक नार्को (नशीले पदार्थों) वाला देश नहीं हो सकता, लड़कियों को 18 साल की उम्र तक शिक्षा देनी होगी। 

हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से उनके तालिबान संकट से निपटने के तरीके और अफगानिस्तान में अमेरिकी जवानों के बने रहने की समयसीमा को आगे बढ़ाने से इनकार करने को लेकर अन्य जी-7 नेताओं ने बैठक में नाराजगी जाहिर की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन ये तभी संभव होगा जब तालिबान सहयोग करे और जो लोग एयरपोर्ट पहुंचना चाहते हैं उन्हें न रोका जाए और हमारे ऑपरेशन में किसी तरह की रुकावट पैदा न की जाए। 

 

तालिबान ने फिर दी अमेरिका को चेतावनी

तालिबान ने मंगलवार को एक बार फिर अमेरिका को चेतावनी दी। इस बार तालिबान ने अमेरिका को अफगान नागरिकों के एलीट वर्ग को देश छोड़ने के लिए बढ़ावा देने को लेकर चेताया। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, वॉशिंगटन को अफगान के अमीर व विद्वान वर्ग को देश छोड़ने के लिए बढ़ावा नहीं देना चाहिए। टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान प्रवक्ता ने यह चेतावनी अमेरिका की तरफ से हालिया दिनों में बहुत सारे अफगान नागरिकों को देश से बाहर ले जाने को लेकर दी।

बता दें कि बहुत सारे अफगान राजनेता, अपदस्थ सरकार के कर्मचारियों और पत्रकारों ने तालिबान का निशाना बनने के डर से देश छोड़ दिया है। मुजाहिद ने यह भी कहा कि तालिबान पंजशीर घाटी की समस्या को शांति से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदु कुश पर्वत की पंजशीर घाटी इकलौता ऐसा इलाका है, जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। काबुल से 90 किलोमीटर उत्तर में मौजूद इस इलाके पर तालिबान कभी कब्जा नहीं कर पाया है। मुजाहिद ने तालिबान लड़ाकों के घर-घर जाकर तलाशी लेने की खबरों को भी गलत बताया और कहा कि हम पहले ही सबको अभयदान दे चुके हैं।

 

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