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बंदरों और कुत्तों के बीच 'गैंगवॉर': ग्रामीणों में दहशत, डर से इधर- उधर भाग रहे लोग, देखें तस्वीरें

बंदर के डर से भागते लोग
– फोटो : Social media

Monkeys Took Revenge: महाराष्ट्र के बीड़ जिले के माजलगांव में बंदरों और कुत्तों के बीच चल रहे गैंगवार के चलते ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। लोग डर के मारे इधर-उधर भाग रहे हैं। आलम यह है कि बंदर कुत्ते के पिल्ले को लेकर मुहल्ले के किसी भी छत पर पहुंच जाते हैं जिससे वहां मौजूद लोगों को अपने ऊपर हमले का डर बना रहता है। बंदरों की बदले की यह कार्रवाई पिछले करीब एक माह से जारी है। गांव में बंदरों के एक समूह ने बदला लेते हुए करीब 250 कुत्तों को मार डाला।  ग्रामीणों के मुताबिक बंदरों ने कुत्तों से बदला लेने का सिलसिला तब शुरू किया जब कुछ कुत्तों ने एक बंदर के बच्चे को मार डाला। इससे बंदर खफा हो गए और उन्होंने कुत्तों को मारना शुरू कर दिया। बंदर कुत्ते को देखते हुए उसे खींचकर ले जाते हैं और मारने के बाद पेड़ या मकानों की छतों से फेंक देते हैं।  आइए तस्वीरों के माध्यम के देखते हैं कैसे लोगों में दहशत फैल गई है…

बंदरों के डर से इधर-उधर भागते लोग
– फोटो : Social media

किसी भी छत पर से अचानक बंदरों का समूह सड़क पर कूद जाता है। लोग इस हिंसक बंदर को देखते ही इधर-उधर भागना शुरू कर देते हैं। कई बार भागने के दौरान तो लोग घायल भी हो जाते हैं।

कुत्ते और बंदर के डर से भागती महिला और बच्ची
– फोटो : Social media

ग्रामीणों का कहना है कि हालत यह हो गई है कि गांव में शायद ही कोई कुत्ता बचा है। बंदरों में इतना आक्रोश है कि वे अब स्कूली बच्चों को भी निशाना बनाने लगे हैं। बंदरों के गुस्से से ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा हो रहा है। 

कुत्ते और बंदर के बीच गैंगवार
– फोटो : Social media

जानकारी के अनुसार गांव के ही सीताराम नैबल के कुत्ते को बंदर उठा ले गए थे, लेकिन उसने जैसे ही चिल्लाना शुरू किया, नैबल लाठी लेकर बंदरों से भिड़ गए। इसी दौरान व गिर गए, इससे उनके पैर की हड्डी टूट गई। हालांकि वे अपने पालतू श्वान को बचाने में कामयाब रहे।

बंदर के डर से भागते लोग
– फोटो : Social media

लगभग पांच हजार की आबादी वाले इस गांव के लोग बंदरों के आंतक से इतना परेशान हो गए हैं कि वन भिगाग से जान की भीख मांगनी पड़ रही है। बंदरों ने सड़क पर चलने वाले लोगों पर भी कई बार हमला किया है। वन विभाग ने पिंजरे में कुछ बंदरों को कैद किया है। लेकिन लोगों का कहना है कि इसका स्थायी समाधान ढूंढ़ना जरूरी है।

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