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बंगाल: ममता बोलीं- रामपुरहाट की घटना के पीछे कोई साजिश, सीबीआई ने अस्पताल में घायलों के दर्ज किए बयान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीरभूम में हुई घटना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल के एक कार्यकर्ता की पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता ने हत्या कर दी, लेकिन हर जगह सिर्फ टीएमसी की आलोचना हो रही है। हमने मामले की जांच के लिए कई कदम उठाए हैं और ताम्पुरहाट की घटना का मूल कारण पता किया है। 

उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं यूपी, दिल्ली, कर्नाटक, त्रिपुरा और असम में हो चुकी हैं। हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को घटना स्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया, लेकिन बीरभूम में हमने कभी किसी राजनीतिक दल को नहीं रोका। उन्होंने कहा कि मुझे अब भी लगता है कि रामपुरहाट की घटना के पीछे कोई साजिश है। सीबीआई ने कार्यभार संभाल लिया है। यह एक अच्छा निर्णय है, लेकिन अगर वे केवल भाजपा के निर्देशों का पालन करेंगे, तो हम विरोध करने के लिए तैयार हैं।

बनर्जी ने स्वीकार किया कि पुलिस ने शुरू में गलती की। पुलिसकर्मियों को टीएमसी नेता की हत्या के विरोध में किसी घटना के घटित होने का अंदेशा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि शुरू में गलती हुई है, लेकिन हमने कार्रवाई की है। हमने ओसी और एसडीपीओ को हटा दिया है और टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष अनारुल हुसैन सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच के दौरान बढ़िया कार्य किया था, लेकिन बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

कांग्रेस ने की अनुच्छेद 355 लागू करने की मांग
इस बीच बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति चरमरा जाने का आरोप लगाते हुए रविवार को राज्य में अनुच्छेद 355 लागू करने की मांग की। चौधरी फरवरी में छात्र नेता अनीस खान की रहस्यमय मौत की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए हावड़ा में कदमताला से एस्प्लेनेड इलाके तक एक ‘पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे थे।

सीबीआई ने गिरफ्तार टीएमसी नेता से की पूछताछ, अस्पताल में घायलों का बयान दर्ज
बीरभूम नरसंहार की जांच कर रही सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के नेता अनारुल हुसैन और अन्य आरोपियों से पूछताछ की और हिंसा में घायल हुए लोगों के बयान भी दर्ज किए।

शुक्रवार को यहां पहुंचे सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) दिल्ली के विशेषज्ञों ने 21 मार्च की रात हुई भीषण घटना के बाद से वीरान पड़े बोगटुई गांव में घटना स्थल से नमूने लिए।

सीबीआई अधिकारियों की एक अन्य टीम ने रविवार को रामपुरहाट अस्पताल का दौरा किया और चार घायलों के बयान दर्ज किए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा निर्देश दिए जाने के कुछ घंटों के भीतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अनारुल हुसैन को सुबह रामपुरहाट थाने से सीबीआई कैंप कार्यालय ले जाया गया और एजेंसी के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की। 

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