एजेंसी, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 14 Dec 2021 06:22 AM IST
सार
फोन टैपिंग को लेकर दर्ज मामले से जुड़े दस्तावेजों की मांग वाली अर्जी पर आपत्ति जताते हुए गृह मंत्रालय ने इसे अस्पष्ट और अपुष्ट करार दिया है।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार
– फोटो : ANI
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विस्तार
महाराष्ट्र खुफिया विभाग की शिकायत पर मुंबई में बीकेसी साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसमें विभाग ने अज्ञात व्यक्तियों पर अवैध तरीके से फोन टैप कर चुनिंदा गोपनीय दस्तावेज लीक करने का आरोप लगाया है।
यह फोन टैपिंग खुफिया विभाग के मुखिया के रूप में तैनात रहीं आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के कार्यकाल में हुई थी। इसे लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ और सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने बिना इजाजत के फोन टैप किए थे।
बीते शुक्रवार मेट्रोपोलिटन अदालत में वकील श्रीराम शीरसत के जरिए दाखिल अपने जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा, अक्तूबर में दाखिल महाराष्ट्र सरकार का आवेदन यह साफ करने में नाकाम रहा है कि उसे किससे, कौन-सा दस्तावेज चाहिए। लिहाजा, इस आवेदन को खारिज करने देना चाहिए।
