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फैसला: सरकार को 36 फीसदी हिस्सेदारी देगी वोडाफोन-आइडिया, ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुना

फैसला: सरकार को 36 फीसदी हिस्सेदारी देगी वोडाफोन-आइडिया, ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुना

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 11 Jan 2022 11:56 AM IST

सार

 Voda-Idea Decides To Convert Dues Liability In Equity: कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने मंगलवार को जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार टेलीकॉम कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि बोर्ड ने कंपनी की लाइबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

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वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने मंगलवार को जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार टेलीकॉम कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया ने सरकार को देय लगभग 16,000 करोड़ रुपये की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुनने का फैसला किया है, जो कि टेलीकॉम फर्म की नियामक फाइलिंग के अनुसार कंपनी में लगभग 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

बोर्ड ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर
रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि बोर्ड ने कंपनी की लाइबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास होगी। इसके बाद वोडाफोन समूह प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए थे। सरकार ने स्पेक्ट्रम शुल्क और एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया। हालांकि, इस दौरान ब्याज की गणना जारी रहेगी, अगर कंपनी चाहती है कि ब्याज का हिस्सा इक्विटी में बदल सकती है।

डीओटी की मंजूरी मिलना बाकी
सरकार के इसी फैसले के तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। वीआईएल ने कहा कि चूंकि 14 अगस्त, 2021 की प्रासंगिक तारीख पर कंपनी के शेयरों की औसत कीमत सममूल्य से कम थी, इसलिए सरकार को इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के बराबर मूल्य पर जारी किए जाएंगे, हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस  (डीओटी)  द्वारा इसे अंतिम मंजूरी दी जानी बाकी है। बता दें कि मंगलवार को सुबह बीएसई में वीआईएल के शेयर 12.55 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जो पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 16 प्रतिशत कम है।

विस्तार

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने मंगलवार को जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत सरकार टेलीकॉम कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया ने सरकार को देय लगभग 16,000 करोड़ रुपये की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुनने का फैसला किया है, जो कि टेलीकॉम फर्म की नियामक फाइलिंग के अनुसार कंपनी में लगभग 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

बोर्ड ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर

रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि बोर्ड ने कंपनी की लाइबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास होगी। इसके बाद वोडाफोन समूह प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए थे। सरकार ने स्पेक्ट्रम शुल्क और एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया। हालांकि, इस दौरान ब्याज की गणना जारी रहेगी, अगर कंपनी चाहती है कि ब्याज का हिस्सा इक्विटी में बदल सकती है।

डीओटी की मंजूरी मिलना बाकी

सरकार के इसी फैसले के तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। वीआईएल ने कहा कि चूंकि 14 अगस्त, 2021 की प्रासंगिक तारीख पर कंपनी के शेयरों की औसत कीमत सममूल्य से कम थी, इसलिए सरकार को इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के बराबर मूल्य पर जारी किए जाएंगे, हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस  (डीओटी)  द्वारा इसे अंतिम मंजूरी दी जानी बाकी है। बता दें कि मंगलवार को सुबह बीएसई में वीआईएल के शेयर 12.55 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जो पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 16 प्रतिशत कम है।

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