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पेरिस: जयशंकर ने इमैनुएल मैक्रों से की मुलाकात, यूरोपीय संघ के देशों में भारतीय राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता की

यूक्रेन संकट को लेकर रूस और पश्चिमी शक्तियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बुधवार को पेरिस में मुलाकात की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि उन्होंने मैक्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिवादन से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह चर्चा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की ‘पूर्ण भावना’ को दर्शाती है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निकटता से एक दूसरे को सहयोग करेंगे।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करके खुशी हुई। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं उन्हें दीं। हमारी वार्ता में हमारी रणनीतिक साझेदारी पूरी तरह प्रतिबिंबित हुई। हम हिंद-प्रशांत में निकटता से सहयोग करेंगे। उन्हें भारत के विकास और जनता की सेवा में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।” 

यूरोपीय संघ के देशों में भारतीय राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता की
जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, आज पेरिस में हमने यूरोपीय संघ के देशों में भारतीय राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान वर्तमान में भारतीय विदेश नीति के सामने आने वाले मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। कोविड काल के दौरान भारतीयों और प्रवासी भारतीयों की सहायता करने के लिए हमारे सभी दूतावासों की मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की।”

मंत्री ने कहा कि उन्होंने राजदूतों से भारत के विकास और जनता की सेवा में योगदान देने का आह्वान किया। पेरिस की अपनी यात्रा के पहले दिन, जयशंकर ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष जीन-यवेस ले ड्रियन के साथ अफगानिस्तान और यूक्रेन संकट की स्थिति सहित कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत की।

मंगलवार को एक प्रमुख थिंक-टैंक के एक संबोधन में जयशंकर ने कहा कि फ्रांस के साथ भारत के संबंध विश्वास की एक महान भावना पर आधारित हैं और यह एक ऐसा रिश्ता है जो अचानक बदलाव और आश्चर्य से मुक्त है, जो कई मामलों में देखा जाता है।

भारत का विश्वसनीय सहयोगी फ्रांस : जयशंकर
उन्होंने कहा कि भारत समुद्र तल से लेकर अंतरिक्ष तक और साइबर से लेकर महासागरों तक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने में फ्रांस को एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में देखता है।

उन्होंने कहा, “भारत में, रिश्तों में विश्वास और विश्वास की एक बड़ी भावना है। यह भारतीय समाज का हिस्सा है और इसका महत्व यह है कि दोनों देशों के बीच एक मजबूत राजनीतिक सहमति लाभान्वित होता है। मेरा मानना है कि हमने फ्रांस में भी ऐसा ही माहौल महसूस किया है।”

यूरोपीय संघ सहयोगियों के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा, सुरक्षा गतिविधियां बढ़ाएगा
यूरोपीय संघ ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा, सुरक्षा गतिविधियां बढ़ाने का संकल्प लिया है और उत्तरी-पश्चिमी हिन्द महासागर में समन्वित समुद्री उपस्थिति को विस्तार देने की घोषणा की है।

पेरिस में मंगलवार को हुई मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर अपनी रणनीति की घोषणा की है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया था। यूरोपीय संघ ने कहा कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए मंत्रिस्तरीय मंच ने यूरोप और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और समावेशी विकास के लिए साझा महत्वाकांक्षाओं के बारे में बताया।

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