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पूर्वी लद्दाख विवाद: सेना प्रमुख जनरल नरवणे के बयान पर नसीहत देने लगा चीन, जानिए क्या कहा

पीटीआई, बीजिंग
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 13 Jan 2022 05:58 PM IST

सार

कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बारे में चीन ने 14वीं कमांडर स्तर की बैठक के संबंध में कहा कि अगर कोई सूचना होगी तो हम जारी करेंगे।

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पूर्वी लद्दाख विवाद पर भारतीय सेनाध्यक्ष के बयान को लेकर चीन ने गुरुवार को भारत को नसीहत देने की कोशिश की। चीन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत में प्रासंगिक लोग अरचनात्मक टिप्पणी करने से परहेज करेंगे। एक दिन पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में खतरा अभी कम नहीं हुआ है और भारतीय सेना चीनी सेना के साथ दृढ़ तरीके से व्यवहार करेगी।

जनरल नरवणे ने दिया था यह बयान
15 जनवरी को सेना दिवस से पहले बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि युद्ध या संघर्ष हमेशा अंतिम उपाय का एक साधन होता है, लेकिन अगर इसे भारत पर थोपा गया तो देश विजयी होगा। उनकी टिप्पणी उस दिन आई है जब भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए कोर कमांडर स्तर की 14 वें दौर की वार्ता की।

चीन ने कहा, भारतीय पक्ष ऐसी टिप्पणी से परहेज करेगा
जनरल नरवणे की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया के लिए पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अब चीन और भारत सीमा तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार और बातचीत कर रहे हैं। पश्चिमी मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष के प्रासंगिक लोग अरचनात्मक टिप्पणी करने से परहेज करेंगे। कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बारे में वांग ने 14वीं कमांडर स्तर की बैठक के संबंध में कहा कि अगर कोई सूचना होगी तो हम जारी करेंगे।

हालांकि, नई दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत ने चीन के साथ 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में बाकी संघर्ष वाले स्थानों से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए दबाव डाला। बैठक चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर हुई थी। भारतीय पक्ष ने डेपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित बाकी सभी संघर्ष वाले स्थानों से जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर दिया।

विस्तार

पूर्वी लद्दाख विवाद पर भारतीय सेनाध्यक्ष के बयान को लेकर चीन ने गुरुवार को भारत को नसीहत देने की कोशिश की। चीन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत में प्रासंगिक लोग अरचनात्मक टिप्पणी करने से परहेज करेंगे। एक दिन पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में खतरा अभी कम नहीं हुआ है और भारतीय सेना चीनी सेना के साथ दृढ़ तरीके से व्यवहार करेगी।

जनरल नरवणे ने दिया था यह बयान

15 जनवरी को सेना दिवस से पहले बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि युद्ध या संघर्ष हमेशा अंतिम उपाय का एक साधन होता है, लेकिन अगर इसे भारत पर थोपा गया तो देश विजयी होगा। उनकी टिप्पणी उस दिन आई है जब भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए कोर कमांडर स्तर की 14 वें दौर की वार्ता की।

चीन ने कहा, भारतीय पक्ष ऐसी टिप्पणी से परहेज करेगा

जनरल नरवणे की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया के लिए पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अब चीन और भारत सीमा तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार और बातचीत कर रहे हैं। पश्चिमी मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष के प्रासंगिक लोग अरचनात्मक टिप्पणी करने से परहेज करेंगे। कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बारे में वांग ने 14वीं कमांडर स्तर की बैठक के संबंध में कहा कि अगर कोई सूचना होगी तो हम जारी करेंगे।

हालांकि, नई दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत ने चीन के साथ 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में बाकी संघर्ष वाले स्थानों से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए दबाव डाला। बैठक चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर हुई थी। भारतीय पक्ष ने डेपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित बाकी सभी संघर्ष वाले स्थानों से जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर दिया।

Hope ‘relevant people’ will refrain from making ‘unconstructive comments’; China on Naravane’s remarks

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