वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 14 Apr 2022 06:09 PM IST
सार
सत्ता गंवाने के बाद भी इमरान खान के लिए खतरा अभी टला नहीं है। उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप के तहत केस चल सकता है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देशद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। इमरान ने अपने विरोधियों से लड़ने में संविधान के जिन प्रावधानों की अनदेखी की, अब वे ही उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोपों की वजह बन सकते हैं। हाल ही में शहबाज शरीफ ने कहा था कि प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
देशद्रोह के नए आरोपों का सामना करना पड़ सकता है
इस्लाम खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने सत्ता के अंतिम पखवाड़े के दौरान विरोधियों को कुचलने की कोशिशों के साथ-साथ सांविधानिक प्रवधानों की भी कथित तौर पर अनदेखी की थी। अब इमरान को देशद्रोह के नए आरोपों और संभावित मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इमरान खान के लिए राहत की बात यह है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने इनमें से एक याचिका को खारिज कर दिया है।
इसके बावजूद इमरान पर खतरा टला नहीं है, क्योंकि अन्य याचिकाओं पर निर्णय अभी भी अदालतों में लंबित है। संविधान के जिस प्रावधान के आधार पर इमरान खान के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं उनमें अनुच्छेद 5(1) शामिल है। इस अनुच्छेद के तहत देश के प्रति वफादारी और संविधान का पालन करना प्रत्येक नागरिक का अनिवार्य दायित्व है।
याचिकाओं में अनुच्छेद-6 का भी हवाला दिया गया है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति जो सत्ता या ताकत के बल पर संविधान की अनदेखी करने का प्रयास करता है, वह उच्च राजद्रोह का दोषी माना जाएगा। इस तरह से इमरान खान के साथ ही उन सभी लोगों को इन आरोपों में उलझाया जा सकता है, जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसदीय प्रणाली की अनदेखी की।
विस्तार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देशद्रोह के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। इमरान ने अपने विरोधियों से लड़ने में संविधान के जिन प्रावधानों की अनदेखी की, अब वे ही उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले में आरोपों की वजह बन सकते हैं। हाल ही में शहबाज शरीफ ने कहा था कि प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
देशद्रोह के नए आरोपों का सामना करना पड़ सकता है
इस्लाम खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने सत्ता के अंतिम पखवाड़े के दौरान विरोधियों को कुचलने की कोशिशों के साथ-साथ सांविधानिक प्रवधानों की भी कथित तौर पर अनदेखी की थी। अब इमरान को देशद्रोह के नए आरोपों और संभावित मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इमरान खान के लिए राहत की बात यह है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने इनमें से एक याचिका को खारिज कर दिया है।
इसके बावजूद इमरान पर खतरा टला नहीं है, क्योंकि अन्य याचिकाओं पर निर्णय अभी भी अदालतों में लंबित है। संविधान के जिस प्रावधान के आधार पर इमरान खान के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं उनमें अनुच्छेद 5(1) शामिल है। इस अनुच्छेद के तहत देश के प्रति वफादारी और संविधान का पालन करना प्रत्येक नागरिक का अनिवार्य दायित्व है।
याचिकाओं में अनुच्छेद-6 का भी हवाला दिया गया है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति जो सत्ता या ताकत के बल पर संविधान की अनदेखी करने का प्रयास करता है, वह उच्च राजद्रोह का दोषी माना जाएगा। इस तरह से इमरान खान के साथ ही उन सभी लोगों को इन आरोपों में उलझाया जा सकता है, जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसदीय प्रणाली की अनदेखी की।
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