एजेंसी, ओटावा।
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 23 Dec 2021 12:28 AM IST
सार
कनाडा के एक थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान में पहले से ही चीनी निवेश में गिरावट आई है। यह पाकिस्तान में भविष्य के विदेशी निवेश के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंच सकता है।
सीपेक-ग्वादर बंदरगाह (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
कनाडा के एक थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तान में तालिबान (टीटीपी) व जमात-ए-इस्लामी जैसे चरमपंथी गुट देश की राष्ट्रीय नीतियों पर नियंत्रण की कोशिशें कर रहे हैं, जो भविष्य में विदेशी निवेश को रोकेगा। इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) ने कहा है कि सीपीईसी के खिलाफ जारी विरोध व आतंकी हमलों से परियोजना और पाकिस्तान दोनों को नुकसान उठाने पड़ेंगे।
थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान में पहले से ही चीनी निवेश में गिरावट आई है। यह पाकिस्तान में भविष्य के विदेशी निवेश के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंच सकता है। थिंक टैंक की यह टिप्पणी बलोचिस्तान के ग्वादर में स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए आई है। हालांकि क्षेत्र के नागरिकों ने 16 दिसंबर को सरकार से बातचीत के बाद धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया है, लेकिन बलोचिस्तान में महीनों लंबे विरोध के चलते पाकिस्तान सरकार कई दिक्कतों का सामना कर रही है। इसी कारण क्षेत्र में हजारों अतिरिक्त बलों की तैनाती भी की गई है।
बेरोजगारी, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन
पाक कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में बेरोजगारी दर में तेज वृद्धि के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान किए गए अपने झूठे वादों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों लोग घिसर जिले की सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान सरकार ने यहां के मूल निवासियों पर बहुस्तरीय आर्थिक कार्रवाई शुरू करते हुए कई मदों पर से सब्सिडी हटा ली है। महंगाई दर आसमान छू रही है और बेरोजगारी भी चरम पर है। इससे परेशान लोगों ने क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
विस्तार
कनाडा के एक थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तान में तालिबान (टीटीपी) व जमात-ए-इस्लामी जैसे चरमपंथी गुट देश की राष्ट्रीय नीतियों पर नियंत्रण की कोशिशें कर रहे हैं, जो भविष्य में विदेशी निवेश को रोकेगा। इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) ने कहा है कि सीपीईसी के खिलाफ जारी विरोध व आतंकी हमलों से परियोजना और पाकिस्तान दोनों को नुकसान उठाने पड़ेंगे।
थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान में पहले से ही चीनी निवेश में गिरावट आई है। यह पाकिस्तान में भविष्य के विदेशी निवेश के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंच सकता है। थिंक टैंक की यह टिप्पणी बलोचिस्तान के ग्वादर में स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए आई है। हालांकि क्षेत्र के नागरिकों ने 16 दिसंबर को सरकार से बातचीत के बाद धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया है, लेकिन बलोचिस्तान में महीनों लंबे विरोध के चलते पाकिस्तान सरकार कई दिक्कतों का सामना कर रही है। इसी कारण क्षेत्र में हजारों अतिरिक्त बलों की तैनाती भी की गई है।
बेरोजगारी, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन
पाक कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में बेरोजगारी दर में तेज वृद्धि के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान किए गए अपने झूठे वादों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों लोग घिसर जिले की सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान सरकार ने यहां के मूल निवासियों पर बहुस्तरीय आर्थिक कार्रवाई शुरू करते हुए कई मदों पर से सब्सिडी हटा ली है। महंगाई दर आसमान छू रही है और बेरोजगारी भी चरम पर है। इससे परेशान लोगों ने क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
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