एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 12 Jan 2022 06:14 AM IST
सार
नियमों में ढील के तहत निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से है और कंपनी में उसका मालिकाना हक 10 फीसदी से कम है तो ऐसे निवेश प्रस्ताव के लिए मंजूरी नहीं लेनी होगी।
भारत-चीन झंडा (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
इसके तहत निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से है और कंपनी में उसका मालिकाना हक 10% से कम है तो ऐसे निवेश प्रस्ताव के लिए मंजूरी नहीं लेनी होगी। वर्तमान में कोई कंपनी या निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है तो वहां से आने वाले निवेश की कड़ाई से जांच होती है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मौजूदा नियम की वजह से 6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश रुका है। माना जा रहा कि नियमों में बदलाव को फरवरी तक मंजूरी मिल जाएगी। सरकार ने चीन से आने वाले निवेश को ध्यान में रखते हुए एफडीआई नियमों में बदलाव किया था।
नियमों में ढील से तेजी से बढ़ेगा निवेश
रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर, 2021 तक चीन समेत अन्य सीमावर्ती देशों से आने वाले 100 निवेश प्रस्ताव को मंजूरी का इंतजार है। इनमें एक चौथाई से ज्यादा प्रस्ताव ऐसे हैं, जिसमें निवेश मूल्य एक करोड़ डॉलर से ज्यादा है। माना जा रहा है कि नियम में ढील देने के बाद भारत में निवेशकों की बाढ़ आ जाएगी और बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा।
देश का निर्यात 33 फीसदी बढ़कर 7.63 अरब डॉलर
इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण, पेट्रोलियम सहित विभिन्न क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के दम पर जनवरी के पहले सप्ताह में वस्तुओं का निर्यात 33.16 फीसदी बढ़कर 7.63 अरब डॉलर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की समान अवधि में निर्यात 5.73 अरब डॉलर रहा था। नए साल में 1-7 जनवरी के दौरान आयात भी 33 फीसदी बढ़कर 11.60 अरब डॉलर पर पहुंच गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 8.72 अरब डॉलर रहा था। अगर पेट्रोलियम को हटा दिया जाए, तो पहले सप्ताह में आयात 29.88 फीसदी बढ़ा है। मंत्रालय ने भरोसा जताया कि वृद्धि की मजबूत दर से चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर निर्यात लक्ष्य हासिल कर लेंगे।