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नया खुलासा : धार्मिक पहचान मिटा रहा चीन, शिनिंग शहर की ऐतिहासिक डोंगगुआन मस्जिद का गुंबद तोड़ा

एजेंसी, शिनिंग (चीन)।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 26 Oct 2021 02:13 AM IST

सार

शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ चीन सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत उनकी धार्मिक पहचान मिटाने की दिशा में काम कर रही है। चीन देश भर में हजारों मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटा रहा है ताकि मुस्लिमों की धार्मिक पहचान खत्म हो सके। करीब दो साल पहले यहां पर चीनी अधिकारियों ने मस्जिदों के आगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाकर उन्हें ढंकने की कोशिश की थी।

चीन का झंडा (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया

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चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर शिनिंग में चीनी शाही महल की शैली में बनी करीब 700 साल पुरानी डोंगगुआन मस्जिद का रूप अब पूरी तरह से बदल चुका है। टाइलों वाली छतों और गुंबदों के साथ बौद्ध प्रतीकों से सजी यह मस्जिद 20वीं सदी की शुरुआत में सियासी उठा-पटक के बीच लगभग नष्ट हो गई थी जिसे 1990 के दशक में हरे गुंबदों में बदला गया। अब चीन में इन गुंबदों को तोड़ दिया गया है।

अमेरिका के फ्लोरिडा और वाशिंगटन में सर्वाधिक प्रसारित होने वाले नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) ने यह ताजा रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डोंगगुआन मस्जिद के बाहर अनार बेचने वाले किसान अली ने कहा कि चीन सरकार के अधिकारी कहते हैं कि वे इस जगह को बीजिंग के तियानमेन चौक की तरह खूबसूरत बनाना चाहते हैं। दरअसल उनकी इच्छा इन मस्जिदों का चीनीकरण करने की है। 

किसान अली ने यह भी कहा कि एनपीआर सिर्फ उनके पहले नाम का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यहां लोगों को आदेश है कि वे गुंबद को हटाने के बारे में किसी को न बताएं। चीन देश भर में हजारों मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटा रहा है ताकि मुस्लिमों की धार्मिक पहचान खत्म हो सके। चीनी अधिकारी मानते हैं कि ये गुंबद और मीनारें विदेशी धार्मिक प्रभाव का प्रतीक हैं और ये देश के चीनीकरण में सबसे बड़ी बाधा हैं।

चीन की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा 
शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ चीन सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत उनकी धार्मिक पहचान मिटाने की दिशा में काम कर रही है। करीब दो साल पहले यहां पर चीनी अधिकारियों ने मस्जिदों के आगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाकर उन्हें ढंकने की कोशिश की। अब वह गुंबदों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है, ताकि इन क्षेत्रों की चोरी-छुपे की जाने वाली फोटोग्राफी भी नहीं हो सके।  

सोवियत दृष्टिकोण पर आधारित है चीनी नीति
एनपीआर के मुताबिक, चीन में अपनाई जाने वाली जातीय नीति, सोवियत दृष्टिकोण पर आधारित है जिसमें नागरिकों को 55 अलग-अलग जातीय अल्पसंख्यक समूहों में वर्गीकृत किया गया था। इनमें से प्रत्येक को उनके क्षेत्र में सीमित सांस्कृतिक स्वतंत्रता दी जाती थी। चीन भी इसी तर्ज पर काम कर रहा है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीनी मूल के इतिहास विशेषज्ञ मा हैयून बताते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग अब सांस्कृतिक रूप से भी चीन पर शासन करना चाहते हैं। इसके तहत वे देश में सिर्फ मंदारिन भाषा का प्रसार चाहते हैं।

मस्जिद की जगह सार्वजनिक शौचालय
शिनजियांग प्रांत में आतुश में एक मस्जिद को ढहाने के बाद उसकी जगह सार्वजनिक शौचालय खोल दिया गया है। दरअसल, 2016 में चीन ने एक अभियान के तहत आतुश के सुंगाग गांव में दो मस्जिदों को गिरा दिया था। इनमें से एक तोकुल मस्जिद थी। रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि 2018 में इसकी जगह पर सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है।

विस्तार

चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर शिनिंग में चीनी शाही महल की शैली में बनी करीब 700 साल पुरानी डोंगगुआन मस्जिद का रूप अब पूरी तरह से बदल चुका है। टाइलों वाली छतों और गुंबदों के साथ बौद्ध प्रतीकों से सजी यह मस्जिद 20वीं सदी की शुरुआत में सियासी उठा-पटक के बीच लगभग नष्ट हो गई थी जिसे 1990 के दशक में हरे गुंबदों में बदला गया। अब चीन में इन गुंबदों को तोड़ दिया गया है।

अमेरिका के फ्लोरिडा और वाशिंगटन में सर्वाधिक प्रसारित होने वाले नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) ने यह ताजा रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डोंगगुआन मस्जिद के बाहर अनार बेचने वाले किसान अली ने कहा कि चीन सरकार के अधिकारी कहते हैं कि वे इस जगह को बीजिंग के तियानमेन चौक की तरह खूबसूरत बनाना चाहते हैं। दरअसल उनकी इच्छा इन मस्जिदों का चीनीकरण करने की है। 

किसान अली ने यह भी कहा कि एनपीआर सिर्फ उनके पहले नाम का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यहां लोगों को आदेश है कि वे गुंबद को हटाने के बारे में किसी को न बताएं। चीन देश भर में हजारों मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटा रहा है ताकि मुस्लिमों की धार्मिक पहचान खत्म हो सके। चीनी अधिकारी मानते हैं कि ये गुंबद और मीनारें विदेशी धार्मिक प्रभाव का प्रतीक हैं और ये देश के चीनीकरण में सबसे बड़ी बाधा हैं।

चीन की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा 

शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ चीन सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत उनकी धार्मिक पहचान मिटाने की दिशा में काम कर रही है। करीब दो साल पहले यहां पर चीनी अधिकारियों ने मस्जिदों के आगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाकर उन्हें ढंकने की कोशिश की। अब वह गुंबदों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है, ताकि इन क्षेत्रों की चोरी-छुपे की जाने वाली फोटोग्राफी भी नहीं हो सके।  

सोवियत दृष्टिकोण पर आधारित है चीनी नीति

एनपीआर के मुताबिक, चीन में अपनाई जाने वाली जातीय नीति, सोवियत दृष्टिकोण पर आधारित है जिसमें नागरिकों को 55 अलग-अलग जातीय अल्पसंख्यक समूहों में वर्गीकृत किया गया था। इनमें से प्रत्येक को उनके क्षेत्र में सीमित सांस्कृतिक स्वतंत्रता दी जाती थी। चीन भी इसी तर्ज पर काम कर रहा है। अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीनी मूल के इतिहास विशेषज्ञ मा हैयून बताते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग अब सांस्कृतिक रूप से भी चीन पर शासन करना चाहते हैं। इसके तहत वे देश में सिर्फ मंदारिन भाषा का प्रसार चाहते हैं।

मस्जिद की जगह सार्वजनिक शौचालय

शिनजियांग प्रांत में आतुश में एक मस्जिद को ढहाने के बाद उसकी जगह सार्वजनिक शौचालय खोल दिया गया है। दरअसल, 2016 में चीन ने एक अभियान के तहत आतुश के सुंगाग गांव में दो मस्जिदों को गिरा दिया था। इनमें से एक तोकुल मस्जिद थी। रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि 2018 में इसकी जगह पर सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है।

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