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धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का मामला: SC सुनवाई के लिए तैयार, सिब्बल बोले- सत्यमेव नहीं शस्त्रमेव जयते हो गया है देश का नारा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 10 Jan 2022 11:22 AM IST

सार

उत्तराखंड के हरिद्वार में 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे बयान देने वालों के खिलाफ 270 से अधिक लोगों व संगठनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

हरिद्वार धर्म संसद
– फोटो : फाइल फोटो

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अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले उत्तराखंड के हरिद्वार ‘धर्म संसद’ के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत(Supreme Court) तैयार हो गई है। इस मामले को आज वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में रखा। उन्होंने अदालत से कहा कि सत्यमेव जयते की जगह अब शस्त्रमेव जयते की बातें हो रही हैं। एफआईआर दर्ज हुई लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने मामले पर सुनवाई का आश्वासन दिया है। 

जानें हरिद्वार धर्म संसद पर क्यों हुआ विवाद
उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मच गया। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी।

32 पूर्व अधिकारियों ने लिखा था खुला पत्र
हरिद्वार में वर्ग विशेष के खिलाफ दिए गए भड़काऊ भाषणों के मामले में पूर्व सेनाध्यक्षों समेत कई मशहूर लोगों द्वारा कार्रवाई की मांग करने के एक दिन बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 32 पूर्व अधिकारियों ने खुला पत्र लिखा था। आईएफएस के 32 पूर्व अधिकारियों ने कहा था कि किसी भी तरह की हिंसा के आह्वान की निंदा करते समय धर्म, जाति, क्षेत्र या वैचारिक मूल का लिहाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ सतत निंदा अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निंदा सभी के लिए होनी चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए।

विस्तार

अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले उत्तराखंड के हरिद्वार ‘धर्म संसद’ के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत(Supreme Court) तैयार हो गई है। इस मामले को आज वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में रखा। उन्होंने अदालत से कहा कि सत्यमेव जयते की जगह अब शस्त्रमेव जयते की बातें हो रही हैं। एफआईआर दर्ज हुई लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने मामले पर सुनवाई का आश्वासन दिया है। 

जानें हरिद्वार धर्म संसद पर क्यों हुआ विवाद

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मच गया। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी।

32 पूर्व अधिकारियों ने लिखा था खुला पत्र

हरिद्वार में वर्ग विशेष के खिलाफ दिए गए भड़काऊ भाषणों के मामले में पूर्व सेनाध्यक्षों समेत कई मशहूर लोगों द्वारा कार्रवाई की मांग करने के एक दिन बाद भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 32 पूर्व अधिकारियों ने खुला पत्र लिखा था। आईएफएस के 32 पूर्व अधिकारियों ने कहा था कि किसी भी तरह की हिंसा के आह्वान की निंदा करते समय धर्म, जाति, क्षेत्र या वैचारिक मूल का लिहाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ सतत निंदा अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निंदा सभी के लिए होनी चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए।

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