न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 25 Nov 2021 07:46 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- ‘गुलाब की एक कली को खिलने से पहले कुचल दिया गया, एक पतंग उड़ने के पहले फाड़ दी गई, नवोदित फूल को कुचल कर मिट्टी में मिला दिया गया।’
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन साल की मासूम से दरिंदगी व हत्या के दोषी 30 साल के एक व्यक्ति को मृत्युदंड की पुष्टि कर दी। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में सितंबर 2013 में एक बिल्डिंग के चौकीदार ने परिसर में खेल रही मासूम को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था और हत्या के बाद शव कीचड़ भरे तालाब में फेंक दिया था। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनाए फैसले में इस हृदय विदारक घटना को लेकर झकझोरने वाली बातें कही हैं।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि समाज में बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। आरोपी ने जघन्य व बर्बर कृत्य किया है। जस्टिस साधना जाधव व जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने एक विशेष पोक्सो कोर्ट द्वारा मार्च 2019 में आरोपी रामकिरत गौड को सुनाई गई फांसी की सजा की पुष्टि की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह कृत्य इंसान की आत्मा को झकझोरने वाला है और दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है।
विस्तार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन साल की मासूम से दरिंदगी व हत्या के दोषी 30 साल के एक व्यक्ति को मृत्युदंड की पुष्टि कर दी। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में सितंबर 2013 में एक बिल्डिंग के चौकीदार ने परिसर में खेल रही मासूम को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था और हत्या के बाद शव कीचड़ भरे तालाब में फेंक दिया था। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनाए फैसले में इस हृदय विदारक घटना को लेकर झकझोरने वाली बातें कही हैं।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि समाज में बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। आरोपी ने जघन्य व बर्बर कृत्य किया है। जस्टिस साधना जाधव व जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने एक विशेष पोक्सो कोर्ट द्वारा मार्च 2019 में आरोपी रामकिरत गौड को सुनाई गई फांसी की सजा की पुष्टि की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह कृत्य इंसान की आत्मा को झकझोरने वाला है और दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है।