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तानाशाही पर रोक: उइगर मुस्लिमों पर अब नहीं चलेगी चीन की मनमानी, अमेरिका ने 'जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम' को किया पारित

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 15 Dec 2021 08:15 AM IST

सार

शिनजियांग में उइगरों को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा गया है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन्हें काम करने के लिए जबरन मजबूर किया जाता है।

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चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने अनुमोदित जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (Forced Labor Prevention Act) को मंजूरी देने वाला बिल पारित कर दिया है। इसके तहत चीन के शिनजियांग से जबरन श्रम से बने सामानों को आर्थिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है जिसे कि अमेरिका को बेचा जाता है। समाचारपत्र ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। अमेरिका की इस कदम से चीन को बड़े स्तर पर झटका लगने की उम्मीद है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन काम करवाया जाता है और इनकार करने पर यातनाएं दी जाती हैं। यहां तक की इन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी दी जाती है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय भी जारी करेगा रिपोर्ट
वहीं उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय भी जल्द अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगा। जिनेवा स्थित मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने कहा कि यूनए की मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बेचलेट को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सप्ताहों में वह अपनी रिपोर्ट को प्रकाशित कर देंगी। उन्होंने कहा कि शिनजियांग की प्रस्तावित यात्रा को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ लंबे समय से जारी चर्चा में कोई ‘ठोस प्रगति नहीं हुई है।’ 

अमेरिका चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी पर भी लगा चुका रोक
अमेरिका ने 10 दिसंबर को चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी सेंसटाइम ग्रुप को निवेश की काली सूची डाल दिया था। सेंसटाइम पर आरोप है कि उसने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो उइगर मुस्लिमों की पहचान कर लेगा। हालांकि कंपनी ने आरोपों को निराधार बताया है। 

कौन हैं उइगर मुसलमान?
उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं। ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के निवासी हैं। इनकी भाषा तुर्की है। चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक पर मान्यता दी गई है, उइगर उनमें से ही एक हैं। वर्तमान में उइगर मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।

चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार
चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर पूर्व चीनी अधिकारी जियांग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। एक साक्षात्कार के दौरान जियांग ने कहा था कि चीन के डिटेंशन सेंटर में इन्हें कुर्सी और रस्सी से बांधकर रखा जाता है। चीनी अधिकारियों के शर्त नहीं मानने पर पुलिसकर्मी इन पर कोड़े बरसाते हैं।  यहां तक कि इन्हें सोने तक नहीं दिया जाता है। पुरुष के अलावा महिलाओं से भी बर्बरता की जाती है। 

विस्तार

चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने अनुमोदित जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (Forced Labor Prevention Act) को मंजूरी देने वाला बिल पारित कर दिया है। इसके तहत चीन के शिनजियांग से जबरन श्रम से बने सामानों को आर्थिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है जिसे कि अमेरिका को बेचा जाता है। समाचारपत्र ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। अमेरिका की इस कदम से चीन को बड़े स्तर पर झटका लगने की उम्मीद है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से जबरन काम करवाया जाता है और इनकार करने पर यातनाएं दी जाती हैं। यहां तक की इन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम मजदूरी दी जाती है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय भी जारी करेगा रिपोर्ट

वहीं उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय भी जल्द अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगा। जिनेवा स्थित मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने कहा कि यूनए की मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बेचलेट को उम्मीद है कि आने वाले कुछ सप्ताहों में वह अपनी रिपोर्ट को प्रकाशित कर देंगी। उन्होंने कहा कि शिनजियांग की प्रस्तावित यात्रा को लेकर चीनी अधिकारियों के साथ लंबे समय से जारी चर्चा में कोई ‘ठोस प्रगति नहीं हुई है।’ 

अमेरिका चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी पर भी लगा चुका रोक

अमेरिका ने 10 दिसंबर को चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी सेंसटाइम ग्रुप को निवेश की काली सूची डाल दिया था। सेंसटाइम पर आरोप है कि उसने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो उइगर मुस्लिमों की पहचान कर लेगा। हालांकि कंपनी ने आरोपों को निराधार बताया है। 

कौन हैं उइगर मुसलमान?

उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं। ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के निवासी हैं। इनकी भाषा तुर्की है। चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक पर मान्यता दी गई है, उइगर उनमें से ही एक हैं। वर्तमान में उइगर मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।

चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार

चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर पूर्व चीनी अधिकारी जियांग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। एक साक्षात्कार के दौरान जियांग ने कहा था कि चीन के डिटेंशन सेंटर में इन्हें कुर्सी और रस्सी से बांधकर रखा जाता है। चीनी अधिकारियों के शर्त नहीं मानने पर पुलिसकर्मी इन पर कोड़े बरसाते हैं।  यहां तक कि इन्हें सोने तक नहीं दिया जाता है। पुरुष के अलावा महिलाओं से भी बर्बरता की जाती है। 

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